वाशिंगटन (एजेंसी)। अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई ने पाकिस्तान को चेताया है कि वह उनके देश के अंदरूनी मामलों में दखलंदाजी न करे। पाकिस्तान आतंकवाद को बढ़ावा देने की नीति से अलग हटकर अफगानिस्तान के साथ वैसा ही व्यवहार करे जैसे कि अंतरराष्ट्रीय मामलों में एक देश दूसरे देश के साथ करता है। करजई ने यह बात वायस आफ अमेरिका से साक्षात्कार में कही है।

करजई ने कहा, हमारे भाईचारे वाले देश पाकिस्तान को संदेश है कि वह दुनिया में अफगानिस्तान का प्रतिनिधित्व करने की कोशिश न करे। पूर्व राष्ट्रपति ने कहा, पाकिस्तान को अफगानिस्तान से संबंध मजबूत करने की कोशिश वहां के मामलों में दखल देते हुए नहीं करनी चाहिए। पाकिस्तान अगर सही तरीके से अफगानिस्तान के साथ संबंध कायम करेगा तो हमें खुशी होगी। अफगानिस्तान में आतंकी संगठन आइएस के हमले बढ़ने पर चिंता जताते हुए करजई ने कहा, यह अफगानिस्तान और पूरे क्षेत्र के लिए खतरनाक है।

पाकिस्तान ने एक हजार से ज्यादा अफगान छात्रों को तोरखम बार्डर पार कर अफगानिस्तान जाने की इजाजत दे दी है। काबुल स्थित पाकिस्तानी दूतावास के हवाले से यह जानकारी खामा प्रेस ने दी है। बताया गया है कि ये छात्र तालिबान के काबुल पर कब्जे के बाद से ही पाकिस्तान में फंसे हुए थे। इन्हें दो हिस्सों में अफगानिस्तान के लिए रवाना किया गया है।

प्रसारक संस्था का नाम बदल कर अल-हिजरा किया गया

तालिबान ने अफगान संसद की कार्यवाही का प्रसारण करने वाली संस्था का नाम बदल दिया है और उसके द्वारा प्रसारित किए जाने वाले कार्यक्रमों की सूची भी बदल दी है। पहले इस संस्था का नाम वोलेसी जिरगा रेडियो एंड टेलीविजन था। लेकिन अब इसका नाम बदलकर अल-हिजरा कर दिया गया है। साथ ही संस्था ने इस्लामिक परंपराओं वाले कार्यक्रमों का प्रसारण शुरू कर दिया है। तालिबान के सत्ता पर कब्जा करने के बाद अफगानिस्तान के करीब 70 प्रतिशत अखबार, न्यूज चैनल और डिजिटल न्यूज चैनल बंद हो गए हैं।

ईरान ने बुलाई अफगानिस्तान पर बैठक

ईरान ने अफगानिस्तान के पांच पड़ोसी देशों और रूस के विदेश मंत्रियों की 27 अक्टूबर को बैठक बुलाई है। इस बैठक में अफगानिस्तान के ताजा हालात पर चर्चा की जाएगी। बैठक में रूस, चीन, पाकिस्तान, ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान और तुर्कमेनिस्तान के विदेश मंत्रियों को आमंत्रित किया गया है।

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