नई दिल्ली | राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत की ओर से रविवार को सीएए को लेकर दिए गए बयान पर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन प्रमुख असदुद्दी ओवैसी ने कहा है कि हम बच्चे नहीं हैं, जिन्हें  जिन्हें नागरिकता संशोधन कानून को लेकर गुमराह किया जाए।

ओवैसी ने अपने ट्वीट में आगे कहा है कि बीजेपी ने इस बारे में कुछ नहीं कहा है कि सीएए+एनआरसी का करना क्या था। अगर यह मुस्लिमों के बारे में नहीं है, तो इसमें धर्म संबंधी हर चीज को हटा दें। यह याद रखें कि हम तक तक विरोध करते रहेंगे जब तक ऐसा एक भी कानून रहेगा, जो हमें हमारी भारतीयता साबित करने को कहेगा।

ओवैसी ने आगे लिखा है कि मैं कांग्रेस, आरजेडी और उनके हमशक्लों से भी यह कहना चाहता हू कि आंदोलन के दौरान आपकी चुप्पी भूले नहीं है। जब बीजेपी नेता लोगों को सीमांचल घुसपैठिए कह रहे थे तो आरजेडी और कांग्रेस ने एक बार भी अपनी चुप्पी नहीं तोड़ी।

We’re not kids to be ‘misguided’. BJP didn’t mince words about what CAA+NRC were meant to do. If it’s not about Muslims, just remove all references to religion from the law? Know this: we’ll protest again & again till there are laws that require us to prove our Indianness…[1] https://t.co/uccZ8JTjsi

— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) October 25, 2020

दरअसल, संघ की सालाना दशहरा रैली में पहुंचे मोहन भागवत ने रविवार को कहा है कि भारत के इस नागरिकता अधिनियम संशोधन कानून में किसी संप्रदाय विशेष का विरोध नहीं है। उन्होंने कहा है कि देश की संसद में नागरिकता अधिनियम संशोधन कानून (सीएए) पूरी प्रक्रिया को लागू करते हुए पारित किया गया।

उन्होंने आगे कहा कि कुछ पड़ोसी देशों से सांप्रदायिक कारणों से प्रताड़ित होकर विस्थापित किए जाने वाले बन्धु, जो भारत में आएंगे, उनको मानवता के हित में शीघ्र नागरिकता प्रदान करने का यह प्रावधान था। उन देशों में साम्प्रदायिक प्रताड़ना का इतिहास है। भागवत ने कहा, यह संशोधन किसी विशेष धार्मिक समुदाय का विरोध नहीं करता। लेकिन, कानून का विरोध करने वालों ने ऐसा वातावरण बनाया कि इस देश में मुसलमानों की संख्या न बढे इसलिए ये कानून बनाया गया है।
 

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