डाक्टर रजनीकांत दत्ता
पूर्व विधायक, शहर दक्षिणी
वाराणसी ( उत्तर प्रदेश )

यह वैश्विक सत्य है कि, जिस राष्ट्र की अंतिम मुद्रा की क्रय शक्ति हज़ार या उससे अधिक की होती है और जनता की सामर्थ्य के बाहर उसपर नाना प्रकार के TAX लगाए जाते है,उस देश में भ्रष्ट्राचार,देशविरोधी गतिविधियाँ बढ़ती है और सामाजिक आर्थिक,आंतरिक और बाह्य सुरक्षा, शनैः शनैः अधोगति को प्राप्त हो जाती है। राष्ट्र का अस्तित्व संकट में पड जाता है।

भारतवर्ष के ब्रिटिश काल में यह अंतिम मुद्रा 10,000 के परमेसरी नोट के रूप में थी,जिसे कालांतर में समाप्त कर दिया गया।फिर 8 नवंबर 2016 को कुछ ऐसे ही कारण बताते हुए 1000 और 500 के नोटो को उसी दिन रात 12 बजे,अकस्मात चलन से बाहर कर दिया। लेकिन फिर पता नहीं किन कारणों से 2000,500 और 200 के नोटों को पुनः सार्वजनिक प्रचलन में लाए। यानी ढाक के वहीं तीन पात।

मेरा भारत सरकार से अनुरोध है कि, सार्वजनिक लेन-देन में सरकार द्वारा स्वीकृत जो मुद्रा लाई जाए चाहे वह परमेसनरी नोट हो या सिक्के की शक्ल ,वो 100 रुपये से अधिक की नहीं होनी चाहिए। लेन देन में सुविधा हो इसके लिए,100 रुपये से नीचे की मुद्रा की PURCHASE POWER 50₹,10₹ और 1₹ की होनी चाहिए। एवं पांच हजार से ऊपर का TRANSACTION या तो BANKERS CHEQUE या DIGITAL PAYMENT द्वारा होना चाहिए।ये देश की लाखों राष्ट्र-विरोधी समस्याओ का एक प्रामाणिक हल है।
यहाँ उस मुहावरे को आपके संज्ञान में लाना चाहूँगा-

कि,लाख दुखो की एक दवा है,
अब तो आज़माये।

भारत में जनता पर सरकार द्वारा लगाया गया TAX दो प्रकार का है-

• DIRECT/INDIRECT TAX

बजाए मौजूदा TAX प्रणाली को DISCUSS किये हुए,मैं वह सुजाव दे रहा हूँ,जो मेरे विचार में स्वस्थ MODUS-OPERANDI का आरंभ है।

• DIRECT TAX,
INCOME TAX

5 लाख रुपयों के लाभांश पर,किसी प्रकार का TAX नहीं लगना चाहिए।और 2 लाख तक के सरकारी बांड जनता के लिए,TAX FREE होने चाहिए।

7 लाख के ऊपर से 25 लाख तक लाभांश पर 5 %।
फिर 25 लाख से 50 लाख तक लाभांश पर 10 % ।और 50 लाख के ऊपर से लाभांश पर 15 % और 2-5% के बीच SUR-CHARGE।
केवल विधायिका,कार्यपालिका और न्यायपालिका के करदाताओ के INCOME TAX RETURN की स्क्रूटिनी होगी,आम जनता के RETURN पर नहीं।
जब तक विधिसम्मत मापदंडो के उल्लंघन के प्रमाणिक तथ्य सामने न हो।

• CORPORATE TAX –

2 करोड़ के कुल TURNOVER पर कोई TAX नहीं लगेगा। फिर उसके बाद TURNOVER पर 5% से 15 % तक

LONG GAIN और SHORT GAIN TAX समाप्त कर दिए जाएंगे।

और एक नए TAX की शुरुआत होगी जिसका नाम, TRANSITIONAL TAX होगा।
यानी कि जब आप GOVERNMENT या GOVERNMENT द्वारा संरक्षित बैंको में धनराशि जमा करेंगे,तो उसपर 1% सरचार्ज देना होगा। यह पूरा पैसा बैंक राजस्व के रूप में केंद्र को देंगे।

• INDIRECT TAX –

GST के अंतर्गत EXCISE DUTY को छोड़कर सभी TAX आते है।

GST 2 CRORE के COMPLETE TURNOVER पर,कोई GST नहीं होगा।और जो GOODS MANUFACTURE किए जाते है,उनपर अधिकतम GST 15% से ऊपर नहीं होगी,नीचे हो सकती है।
और यह GST जिस तरह कारखाने से FINISHED GOODS निकलते समय EXCISE DUTY देनी पड़ती थी, उसी तरह कारखाने से जब FINISHED GOOD निकलेगा तो यह GST कारखानेदार को देनी पड़ेगी। DISTRIBUTER,WHOLESALER, RETAILER और PURCHASER को कोई TAX देना नहीं होगा।

गृहकुटीर उद्योग में उत्पादित वस्तुओं पर,किसी प्रकार का TAX नहीं, बल्कि उन्हें INCENTIVE देना होगा।

EXCISE DUTY लागू रहेगी,शराब और अससे संबंधित वस्तुओं पर 50-100% तक।

DIESEL और PETROL पर उनके वास्तविक मूलपर 25 से 75 % तक।

तंबाकू से संबंधित products एवं RECREACTIONAL DRUGS पर शत प्रतिशत।

आयात शुल्क,डिफेंस, और LIFE SAVING DRUGS और EQUIPMENTS तथा प्रद्योगिकी पर सरकार के विवेकानुसार।

और वस्तुओ पर 75 से 100 % तक।

Made In India को प्रोत्साहन देने के लिए,अगर कोई देश वह वस्तु जिसका हम उत्पादन करते है,हमे हमारी RETAIL PRICE से कम मूल्य देता है।तो इसे NEUTRALISE करने के लिए DUMPING TAX लगाना होगा।

सरकारी सेवाएं,जनता को किस मूल पर SUPPLY कराई जाएगी,इसका निर्णय RULING PARTY करेगी।

यह तो SYNOPSIS है,इसमे सुधार की बड़ी गुंजाइश है।जिसके लिए,अर्थशास्त्रियों और समाजशास्त्रियों के सुझाव आमंत्रित होंगे।

भाई नरेंद्र मोदी जी,
उपरोक्त विवरण आपके संज्ञान में इसलिए ला रहा हूँ, की अगर आप समझे कि, इसमे कोई अगर रचनात्मक सुझाव है,तो MANN KI BAAT में उसपर चर्चा अवश्य करें।

वंदे मातरम।

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