कई बाल विकास परियोजना अधिकारियों पर भी कार्रवाई

वाराणसी। मुख्य विकास अधिकारी मधुसूदन हुल्गी ने मंगलवार को कायाकल्प के अंतर्गत आंगनबाड़ी केंद्रों के कायाकल्प की समीक्षा की। समीक्षा के दौरान विकासखंड बड़ागांव के अंतर्गत लक्षित 11 अगनवाड़ी केंद्रों में से अभी तक मात्र 5 आंगनबाड़ी केंद्र भवनों का कार्य प्रारंभ कराए जाने पर असंतोष व्यक्त करते हुए मुकेश सिंह कुशवाहा बाल विकास परियोजना अधिकारी बड़ागांव को प्रतिकूल प्रविष्टि देने हेतु निर्देशित किया।

विकासखंड पिंडरा वाराणसी के अंतर्गत 52 आगनबाड़ी केंद्र भवन में से 17 आगनबाड़ी केंद्र का कायाकल्प प्रस्तावित था जिसमें से अभी तक मात्र 3 आंगनबाड़ी केंद्र भवन का प्रारंभ हुआ है जबकि जिलाधिकारी द्वारा आंगनबाड़ी केंद्रों के कायाकल्प का कार्य 06 मार्च से प्रारंभ कराने हेतु निर्देशित किया गया था। 10 दिन के उपरांत भी विकास खंड पिंडरा में आगनबाडी का कार्य प्रारंभ नहीं होने एवं उत्तर संतोषजनक न देने के कारण विजय कृष्ण उपाध्याय बाल विकास परियोजना अधिकारी पिंडरा को कारण बताओ नोटिस देते हुए 3 दिन में स्पष्टीकरण न देने की दशा में इनके विरुद्ध सेवा समाप्ति हेतु कार्यवाही प्रस्तावित करने हेतु निर्देशित किया गया।

इसी प्रकार विकास खंड हरहुआ के अंतर्गत लक्षित 14 आगनबाडी केंद्र में से 4 आंगनबाड़ी केंद्र, चोलापुर के अंतर्गत 36 में से 3 आंगनबाड़ी केंद्र, आराजीलाइन 52 में से 3 आंगनबाड़ी केंद्र तथा काशी विद्यापीठ में 24 में से 5 आंगनबाड़ी केंद्रों के कायाकल्प का कार्य शुरू किया गया है, पूछने पर संतोषजनक उत्तर न दिए जाने एवं शासकीय कार्यो में शिथिलता बरतने के कारण बाल विकास परियोजना अधिकारी हरहुआ, चोलापुर आराजीलाइन एवं काशी विद्यापीठ का 16 मार्च का वेतन अग्रिम आदेश तक रोकने हेतु मुख्य विकास अधिकारी द्वारा निर्देशित किया गया।

गणेश कुमार, ग्राम विकास अधिकारी बड़ागांव से अपने आवंटित एवं संबंधित ग्राम पंचायतों में ऑपरेशन कायाकल्प में कार्य पूरा न करने एवं खंड शिक्षा अधिकारी बड़ागांव का अपेक्षित सहयोग न दिए जाने के कारण इनको निलंबित करने हेतु जिला विकास अधिकारी को निर्देशित किया गया।

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