नई दिल्ली | पीएम मोदी ने कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर एक बार फिर सावधान करते हुए कहा है कि देश आपदा के गहरे समुद्र से निकला है और किनारे की ओर बढ़ रहा है। पीएम मोदी ने वैक्सीन के लिए कम हो रहे इंतजार की ओर इशारा करते हुए कहा कि अभी हमें पहले से अधिक जागरूक रहना होगा, ऐसा ना हो कि हमारी कश्ती वहां डूब जाए जहां पानी कम था। पीएम मोदी ने यह भी भरोसा दिलाया कि देश को जो वैक्सीन दी जाएगी वह वैज्ञानिकों की हर कसौटी पर खरी उतरेगी।
पीएम मोदी ने कोरोना के खिलाफ अब तक की जंग का जिक्र करते हुए कहा, ”हम आपदा के गहरे समुद्र से निकले हैं। दुनिया मानती थी कि भारत तो नहीं संभल पाएगा। आपदा के गहरे समुद्र से निकलकर हम किनारे की ओर बढ़ रहे हैं। हम सभी लोगों के साथ वो पुरानी जो शे’र-शायरी चलती है वैसा ना हो जाए- कि हमारी कश्ती भी वहां डूबी जहां पानी कम था। यह स्थिति हमें नहीं आने देनी है। जिन देशों में कोरोना कम हो रहा था, वहां तेजी से संक्रमण फैल रहा है। हमारे देश के कई राज्यों में भी यह ट्रेंड चिंताजनक है। इसलिए हम सभी को पहले से अधिक जागरूक रखना होगा।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी मुख्यमंत्रियों से कोविड-19 रणनीति संबंधी फीडबैक लिखित में साझा करने का आह्वान किया करते हुए कहा कि कोई भी अपना विचार थोप नहीं सकता और सभी को मिलकर काम करना होगा। मोदी ने मुख्यमंत्रियों से कहा, चिकित्सा महाविद्यालयों और जिला अस्पतालों में पर्याप्त ऑक्सीजन की आपूर्ति की कोशिश की जा रही है, पीएम केयर्स कोष का इस्तेमाल वेंटिलेटर की आपूर्ति के लिए किया गया।
पीएम मोदी ने कहा कि कोविड-19 से निपटने के मामले में कुछ लोगों का लापरवाह नजरिया देखने को मिला है, हमें फिर से जागरूकता फैलाने के लिए काम करना होगा। प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्रियों से संक्रमण दर पांच प्रतिशत से कम और मृत्युदर एक प्रतिशत से नीचे लाने के लिए काम करने को कहा, आरटी-पीसीआर जांच बढ़ाने का भी आह्वान किया। प्रधानमंत्री ने राज्यों से कोविड-19 टीकाकरण कार्यक्रम की तैयारी के लिए जिला या खंड स्तर पर कार्यबल या संचालन समिति गठित करने को कहा। पीए ने कहा कि हमारी प्राथमिकता सभी के लिए टीका उपलब्ध कराना है। राज्यों को कोल्ड स्टोरेज सहित सभी जरूरी सुविधाओं की व्यवस्था करनी चाहिए।
पीएम मोदी ने कोरोना के खिलाफ जंग के अलग-अलग चरण की चर्चा हुए कहा कि एक समय था जब हम सबके सामने चुनौती अनजान ताकत से लड़ने की थी। देश ने इस चुनौती का मुकाबला किया। नुकसान को कम रखा। आज भारत रिकवरी और मृत्यु दर के मामलों में संभली हुई स्थिति में है। टेस्टिंग से ट्रीटमेंट तक का बड़ा नेटवर्क काम कर रहा है। पीएम केयर्स के माध्यम से ऑक्सीजन और वेंटिलेटर्स बढ़ाने पर जोर है।
पीएम ने कहा कि कोरोना के मुकाबले के 8-10 महीने बाद देश के पास व्यापक डेटा और अनुभव है। कोरोना के दौरान भारत के लोगों का व्यवहार भी अलग-अलग चरणों में अलग-अलग जगह अलग रहा है। पहले लोग डरे हुए थे और उसी तरह रिएक्ट कर रहे थे। लोग आत्म हत्या भी कर लेते थे। दूसरे चरण में लोगों में एक दूसरे से शंका थी। कई लोग संक्रमण को छिपाने लगे। तीसरे चरण में लोग इसे समझने लगे और दूसरो को समझाने भी लगे। लोगों में गंभीरता आ गई। हम चौथे चरण में पहुंचे, जब कोरोना से रिकवरी का रेट बढ़ा तो लोगों को लगा कि ये वायरस कमजोर हो गया है। इसलिए लापरवाही बढ़ गई। इसलिए मैंने त्योहारों के दौरान शुरुआत में कहा था कि ढिलाई मत बरतिए। हम लोगों को फिर से जागरूक करना ही होगा।