वाराणसी। स्वयंभू ज्योतिर्लिंग भगवान विश्वेश्वरनाथ पक्ष के वादमित्र विजय शंकर रस्तोगी ने श्रीकाशी विश्वनाथ धाम कारिडोर के लिए मंदिर न्यास प्रशासन और अंजुमन इंतजामिया मस्जिद के बीच जमीन की अदला-बदली की कार्रवाई पर आपत्ति जताई है। कहा कि सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की तरफ से मिले अधिकार के आधार पर अंजुमन इंतजामिया मसाजिद ने एक्सचेंज डीड के माध्यम से जमीन की अदला-बदली की है। वास्तव में यह एक्सचेंज डीड वक्फ एक्ट 1995 के सेक्शन 104 (ए) के तहत शून्य है। वक्फ की किसी भी संपत्ति को एक्सचेंज करने का अधिकार ही नहीं है। यदि किया भी जाता है तो उसे शून्य माना जाएगा।

कहा है कि यद्यपि उक्त संपत्ति सुन्नी सेन्ट्रल वक्फ बोर्ड की नहीं है। यह संपत्ति स्वयंभू भगवान शिव की व उनके हिंदू आस्थावान लोगों की है जिसका वाद 1991 से विचाराधीन है। यह कार्रवाई अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी के अधिकार क्षेत्र में नहीं है। शासन-प्रशासन ने इन तथ्यों पर ध्यान दिए बगैर ही जमीन की अदला-बदली की कार्रवाई कर दी जो कि विधि-विरुद्ध है। जमीन की अदला-बदली कार्रवाई के दस्तावेज का अवलोकन करने के बाद अदालत में इस प्रक्रिया को चुनौती देंगे। बता दें कि अंजुमन इंतजामिया मसाजिद की ओर से 17 सौ वर्ग फीट जमीन विश्वनाथ धाम कारिडोर के लिए मंदिर प्रशासन को और इसके बदले एक हजार वर्ग फीट जमीन अंजुमन इंतजामिया मसाजिद को बांसफाटक क्षेत्र में देने की कार्रवाई की गई है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here