वाराणसी में निजी अस्पताल में भर्ती कोरोना मरीजों को अब बीएचयू स्थित डीआरडीओ के अस्पताल में रेफर कर इलाज भर्ती किया जा सकेगा। इसके लिए व्हाट्सएप नंबर भी जारी किए गए हैं। जिस पर बस उन्हें इलाज का पर्चा, रेफर का कागज भेजना होगा। इससे जहां एक ओर मरीज निजी अस्पतालों की मनमानी से बचेंगे। वहीं बिना किसी खर्च के बेहतर इलाज भी होगा।
गौरतलब है कि, शासन-प्रशासन के लाख प्रयास के बाद भी निजी अस्पतालों में मरीजों से जांच, इलाज के नाम पर मनमाना पैसा लिया जा रहा है। कई बार शिकायत के बाद भी कोई असर नहीं हो रहा है। अब बीएचयू में डीआरडीओ अस्पताल के शुरू हो जाने के बाद निजी अस्पतालों से भी मरीजों को रेफर कराकर यहां भर्ती की सुविधा मिलेगी।
इन नंबरो पर करना होगा व्हाट्सएप
जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने बताया कि निजी अस्पतालों में ऐसे गंभीर मरीज जिन्हें आईसीयू या वेंटिलेटर नहीं मिला हो या वो आईसीयू और वेंटिलेटर पर हैं और डीआरडीओ अस्पताल में भर्ती होना चाहते हैं तो निजी अस्पताल से सभी पर्चा और रेफरल बनवाकर एडमिट हो सकते हैं। इसके लिए व्हाट्सएप नंबर 7307413510 पर व्हाट्सएप करें या फिर डीआरडीओ के एडमिशन नंबर 73070 15441 पर बात करके व्हाट्सएप भेज सकते हैं। उन्होंने बताया कि दोनों नंबरों से कंफर्मेशन देने पर ही मरीज को एडमिट किया जाएगा। अभी अस्पताल में सीधा एडमिशन नहीं लिया जाएगा और रेफर मरीजों को ही एडमिट किया जाएगा।
सेना ने दी कोरोना से मुक्ति की ‘संजीवनी’
अस्पताल स्पेशियलिटी के हों या सामान्य, इसे बनाने में साल-दो साल लग जाते होंगे, लेकिन आपदा काल में सेना ने अपनी ख्याति के अनुरुप 360 घंटे में इसे कर दिखाया। बीएचयू के एंफीथिएटर मैदान में पखवारे भर के अंदर जर्मन हैंगर पर पंडाल खड़ा किया। इसे भारी-भरकम अस्पताल का रूप दिया। बेड-वेंटीलेटर, आक्सीजन, दवा आदि का इंतजाम किया।
खुद अपने डाक्टरों-पैरामेडिकल स्टाफ को लगाया तो स्थानीय प्रशासन का सहयोग लिया। इसके साथ ही 750 बेड पर इलाज के लिए अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस कर दिया। सोमवार को इसमें 250 आइसीयू बेड पर भर्ती भी शुरू कर दी गई। जरूरत अनुसार सभी बेड पर भर्ती करने के लिए तैयार होने का संकेत भी दे दिया जिसे आपदा काल में संजीवनी से कम नहीं कहा जा सकता।