रायबरेली जिले में गंगा के किनारे रेत में दबे शवों का मिलना लगातार जारी है. कुछ दिनों पहले सरेनी के गेगासो श्मशान घाट के पास सैकड़ों की संख्या में रेत में शव दबे हुए देखे गए थे. मंगलवार को एक बार फिर जिले के ऊंचाहार तहसील के गोकना श्मशान घाट पर गंगा नदी के किनारे रेत में शवों के मिलने से सनसनी मच गई. शवों को रेत में कुछ गहराई में ही दफन कर दिया गया था. जरा सी बारिश होने से ये शव दिखने लगे. इनकी संख्या सैकड़ो बताई जा रही है.

यह इलाका जिले के ऊंचाहार का गोकना घाट है. जंहा पर श्मशान घाट भी बना है. लोग अपनो का अंतिम संस्कार करने के लिए यंहा आते हैं. सोमवार को देर रात से ही बारिश हो रही थी, जिसकी वजह से घाट किनारे पड़ी रेत बह गई और वंहा पर सैकड़ों की संख्या में दफन शव दिखने लगे. घाट पर रहने वालों ने जब ये नजारा देखा तो वंहा सनसनी फैल गई.

स्थानीय निवासियों की माने तो यह शव अप्रैल माह के आखिरी सप्ताह में दफनाए गए होंगे. ये उन लोगों के शव है, जिनके परिजनों के पास शव का दाह संस्कार करने के लिए लकड़ियां खरीदने का पैसा नहीं है. साथ ही उनका ये भी कहना है कि कोरोना महामारी में मृतकों की संख्या का जो सरकारी आंकड़ा आ रही है उनमें घालमेल है.

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