भारत में बुधवार को एक दिन में संक्रमितों के आंकड़े ने छह हजार के रेकार्ड का स्पर्श कर लिया। कुल 6141 केस आए जबकि मरने वालों की संख्या 140 रही। देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या 1 लाख 7 हजार 820 हो गई है। कोरोना के 61,149 मामले सक्रिय हैं, 42,298 लोग स्वस्थ हो चुके हैं और 3,303 लोगों की अब तक मौत हो चुकी है।
दिल्ली (delhi )में पिछले 24 घंटे में 534 नए मामले सामने आए हैं और 176 लोगों की मौत हुई है। संक्रमितों की कुल संख्या 11,088 हो गई है, जिसमें से 5720 सक्रिय मामले हैं।भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (icmr) ने बताया कि सुबह 9 बजे तक 25 लाख से ज्यादा लोगों के सैंपल की जांच हो चुकी है। वहीं, पिछले 24 घंटे में एक लाख 8 हजार 121 से ज्यादा टेस्ट किए गए। मंगलवार के पहले एक दिन में सबसे ज्यादा 5049 मरीज 17 मई को मिले थे। 20 मई को अकेले महाराष्ट्र में 2078 मरीज बढ़े। राज्य में लगातार चौथे दिन 2 हजार से ज्यादा रिपोर्ट पॉजिटिव आईं। इसके अलावा तमिलनाडु में 688, गुजरात में 395, राजस्थान में 338, उत्तरप्रदेश में 321, मध्यप्रदेश में 229 मरीज मिले।ये आंकड़े। covid 19 india .org और राज्य सरकारों से मिली जानकारी के आधार पर हैं।
उधर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए भारत में समय पर फैसले लिए गए। यही कारण है कि दुनिया के सबसे ज्यादा प्रभावित 15 देशों की तुलना में हमारे यहां 83% कम मौतें हुईं। पूरी दुनिया में एक लाख में 62 लोग कोरोना से प्रभावित हुए हैं तो भारत में 7.9 लोग संक्रमित मिले।
मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा, दुनिया के 15 सबसे ज्यादा प्रभावित देशों की कुल आबादी 142 करोड़ है, जबकि भारत की अकेले 137 करोड़ आबादी है। इतनी अधिक आबादी होने के बावजूद भारत की तुलना में उन 15 देशों में हमसे 34 गुना ज्यादा मामले और 83 गुना ज्यादा मौतें हुईं। भारत में प्रति एक लाख आबादी पर 0.2 लोगों की मौत हुई। अब तक देश में 25 लाख 36 हजार 156 टेस्ट हो चुके हैं। पिछले दो दिन में हमने एक लाख से ज्यादा टेस्ट किए हैं। अभी 555 लैब एक्टिव हैं। 164 लैब प्राइवेट सेक्टर से हैं।
लॉकडाउन से रिकवरी रेट में मिली बढ़त
मंत्रालय ने बताया कि लॉकडाउन के चलते संक्रमितों के ठीक होने की रफ्तार में तेजी आई है। जब देश में लॉकडाउन का ऐलान हुआ था उस दौरान 7.1% रिकवरी रेट थी। लॉकडाउन के दूसरे फेज में यह 11.2 प्रतिशत हो गई। तीसरे फेज में यह 24.3 प्रतिशत हुई और अब 40% के करीब यानी 39.6% हो गई है।