दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय (डीडीयू) में हॉस्टल खाली कराने की कवायद शुरू हो गई है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने शुक्रवार को एक बार फिर हॉस्टल में रह रहे छात्रों को नोटिस दिया है। इसके विरोध में छात्रों ने गोरखनाथ मंदिर पहुंचकर मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय में ज्ञापन सौंपा है।

विश्वविद्यालय में हॉस्टल को खाली कराने को लेकर लंबे समय से रस्साकशी चल रही है। विश्वविद्यालय प्रशासन हॉस्टल को पूरी तरह से खाली कराने पर अड़ा है। हॉस्टल के करीब 80 फीसदी कमरे खाली हो गए हैं। करीब 20 फीसदी कमरों पर छात्र काबिज हैं। वह हॉस्टल में रहने के लिए कभी क्लास और कभी परीक्षा होने की आड़ ले रहे हैं।

दोबारा जारी हुआ नोटिस
विश्वविद्यालय प्रशासन हॉस्टल को खाली कराने को लेकर अड़ गया है। एक हफ्ते में दूसरी बार विश्वविद्यालय प्रशासन ने छात्रों को अल्टीमेटम जारी किया है। नोटिस में साफ कहा गया है कि हॉस्टल को खाली कर दें। जो छात्र हॉस्टल नहीं खाली करेगा उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। उसे निष्कासित भी किया जा सकता है।

गोरखनाथ मंदिर पहुंचे छात्र
शुक्रवार को दूसरी बार नोटिस जारी होने के बाद छात्रों में हड़कंप मच गया। नोटिस में निलंबन व निष्कासन की चेतावनी से छात्र भड़क गए। छात्रों ने कुलपति से मिलने का प्रयास किया। कुलपति से मुलाकात नहीं हुई। जिसके बाद छात्रों का हुजूम गोरखनाथ मंदिर की तरफ कूच कर गया। वहां पहुंचे छात्रों ने मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय में ज्ञापन सौंपा है। जिसमें विधि की कक्षाओं को चलने, मौखिक परीक्षा होने का हवाला देते हुए हॉस्टल खाली न कराने की गुहार लगाई गई है। छात्र पियूष द्विवेदी ने बताया कि अभी मौखिक परीक्षा संपन्न नहीं हुई है। जल्द ही ऑफलाइन कक्षाएं भी संचालित होंगी। ऐसी स्थिति में अपना सारा सामान लेकर कहां जाएं। विश्वविद्यालय प्रशासन पुलिस कार्रवाई तो कभी निष्कासित करने को डर दिखा कर हॉस्टल खाली कराने के फिराक में है। इस दौरान नितेश मिश्रा, निखिल चन्द्र उपाध्याय, अविनाश त्रिपाठी, अनूप मिश्रा, मनोहर मिश्रा, चन्द्र प्रकाश गुप्ता, अमन वर्मा, पुष्पेन्द्र पाण्डेय मौजूद रहे।

वार्डन को सौंपी गई जिम्मेदारी
हॉस्टल को खाली कराने की जिम्मेदारी विवि प्रशासन ने वार्डन को सौंपी है। इस बाबत कुलसचिव डॉ. ओमप्रकाश ने सभी वार्डन को पत्र लिखकर 27 दिसंबर की शाम पांच बजे तक का समय दिया है। उन्होंने पत्र में कहा कि वार्डन हॉस्टल को खाली कराकर अधिष्ठाता छात्र कल्याण को सूचित करें। जिससे कि परिसर को सैनेटाइज किया जा सके।
 

ऑनलाइन होगा आवंटन

कुलपति प्रो. राजेश सिंह ने साफ कर दिया है कि हॉस्टल को पूरी तरह से खाली कराकर परिसर को सैनेटाइज कराया जाए। अब हॉस्टल का आवंटन नए सिरे से होगा। यह आवंटन ऑनलाइन होगा। इसमें शोध व पीजी करने वाले छात्रों के साथ मेधावियों को तरजीह दी जाएगी।

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