लखनऊ। गाजियाबाद से लखनऊ तक खलबली मचा देने वाली मुरादनगर की घटना ने सरकारी तंत्र में गहरे बैठे भ्रष्टाचार का उदाहरण पेश किया है तो अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी सख्त कार्रवाई की नजीर पेश करने के एक्शन में नजर आ रहे हैं। दंगाइयों से क्षतिपूर्ति जैसे सख्त कदम उठाने वाले सीएम योगी ने पहली बार ऐसी कार्रवाई का निर्देश दिया है कि घटिया निर्माण के जिम्मेदार ठेकेदार और इंजीनियरों से ही नुकसान की भरपाई के साथ ही अब पीड़ित परिवारों को दी जा रही मुआवजा राशि भी वसूली जाएगी। आरोपितों पर रासुका भी लगाया जाएगा।
मुरादनगर की घटना के बाद अधिकारियों को आड़े हाथों ले चुके मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को भी इस दर्दनाक घटना को लेकर लोकभवन में बैठक की। उन्होंने श्मशान घाट की छत के घटिया निर्माण के जिम्मेदार ठेकेदार और इंजीनियर से ही सरकारी नुकसान की भरपाई का निर्देश दिया। वहीं, मृतक आश्रित परिवारों की मुआवजा राशि दो लाख से बढ़ाकर दस लाख रुपये कर दी। इस पैसे की वसूली भी इन्हीं आरोपितों से की जाएगी। सरकार के मुताबिक, इस तरह की यह पहली कार्रवाई है।
आरोपितों पर रासुका लगाने का दिया निर्देश : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ठेकेदार और इंजीनियर पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत मुकदमा चलाने के लिए भी कहा है। आवासहीन आश्रितों को सरकारी आवास देने का निर्णय भी हुआ है। वरिष्ठ अधिकारियों के साथ हुई बैठक में मुख्यमंत्री ने साफ कर दिया कि निर्माण कार्यों की गुणवत्ता मानक से कम मिली तो डीएम और कमिश्नर इसके लिए जिम्मेदार होंगे। ठेकेदार और इंजीनियरों के साथ उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।
हर जिले में टास्क फोर्स करेगी निर्माण कार्यों की जांच : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हर जिले में निर्माण कार्यों की गुणवत्ता की जांच के लिए टास्क फोर्स गठित की गई है। टास्क फोर्स औचक जांच करेगी। योगी ने हर बड़े प्रोजेक्ट की कम से कम तीन बार औचक गुणवत्ता जांच कराने और उसकी रिपोर्ट तैयार करने का निर्देश दिया है। उन्होंने नगर विकास विभाग के अधिकारियों को गुणवत्ता मानक के दिशा निर्देश जारी करने को कहा है। साथ ही किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त न करने की चेतावनी भी दी है। योगी ने कहा कि मानक के विपरीत गुणवत्ता मिलने पर ठेकेदारों व इंजीनियरों के साथ जिम्मेदार प्रशासनिक अफसरों को भी खामियाजा भुगतने के लिए तैयार रहना होगा।