नई दिल्ली (एजेंसी)। डे-नाइट टेस्ट के दो दिन के अंदर खत्म होने के बाद अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम की पिच को भले ही आलोचनाओं का सामना करना पड़ा हो, लेकिन इसे खेल की संचालन संस्था अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आइसीसी) से गंभीर सजा मिलने की संभावना नहीं है। वहीं अंतिम टेस्ट की पिच के बल्लेबाजी के अनुकूल होने की संभावना है।

एक और स्पिन की अनुकूल पिच की संभावना कम है क्योंकि घरेलू टीम पिच को लेकर कोई जोखिम नहीं उठाना चाहती। मामले की जानकारी रखने वाले बीसीसीआइ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘अच्छी पिच की उम्मीद है जो ठोस रहेगी और समान उछाल मिलेगा। यह बल्लेबाजी के अनुकूल होगी और यह पारंपरिक लाल गेंद का टेस्ट मैच होगा, इसलिए यहां चार से आठ मार्च तक होने वाले मुकाबले में काफी बड़े स्कोर की उम्मीद की जा सकती है।’

बीसीसीआइ के शीर्ष अधिकारियों के साथ टीम प्रबंधन भी समझता है कि धूल से भरी एक और पिच नए स्थल के लिए अच्छी नहीं होगी, जिसके इंडियन प्रीमियर लीग और आइसीसी टी-20 विश्व कप के दौरान कई महत्वपूर्ण मैचों की मेजबानी करने की संभावना है। बीसीसीआइ अधिकारी ने कहा, ‘अगर एक ही स्थल पर दो मैच होते हैं तो आप एक नतीजे को अलग नहीं कर सकते। अंतिम टेस्ट होने दीजिए और इसके बाद ही मैच रेफरी जवागल श्रीनाथ की रिपोर्ट के आधार पर आइसीसी अपनी कार्रवाई को लेकर फैसला करेगा। साथ ही अब तक इंग्लैंड की टीम ने भी कोई आधिकारिक शिकायत दर्ज नहीं कराई है।’

अगर एक ही स्थल पर एक अच्छी और एक खराब पिच होती है तो आइसीसी के कार्रवाई करने की संभावना नहीं है। भारत सीरीज को 3-1 से अपने नाम करके खुश होगा, लेकिन टीम को नतीजा देने वाली स्पिन की अनुकूल पिच की जरूरत नहीं है क्योंकि उसके लिए ड्रॉ ही काफी है। साथ ही भारतीय टीम प्रबंधन ऐसी पिच नहीं चाहता जिस पर बेहद महत्वपूर्ण मैच में खेलते हुए उसे नुकसान उठाना पड़े। उन्होंने कहा, ‘गुलाबी गेंद का टेस्ट अच्छा रहा क्योंकि यह गेंद से अधिक जुड़ा हुआ मामला था। गेंद पिच पर गिरकर तेजी से आ रही थी, जबकि पिच में कोई समस्या नहीं थी जैसा इंग्लैंड के कई पूर्व दिग्गज खिलाड़ी कह रहे हैं। वे सीधी गेंदों का सामना करने में नाकाम रहे। लेकिन, इस तरह की पिचें अपने ऊपर भी भारी पड़ सकती हैं और बीसीसीआइ को इसकी अच्छी तरह जानकारी है।’

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