बढ़ती बेरोजगारी के दौर में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग (एमएसएमई) सेक्टर आने वाले वर्षों में रोजगार का बड़ा क्षेत्र बनकर उभरने वाला है। एमएसएमई मंत्रालय संभाल रहे वरिष्ठ केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का दावा है कि अगले पांच वर्षों में यह सेक्टर पांच करोड़ नए रोजगार देगा।
खास बात यह कि रोजगार के ये मौके ग्रामीण इलाकों में पैदा होंगे। हालिया वर्षों में एमएसएमई सेक्टर 11 करोड़ लोगों को रोजगार दे चुका है। इस तरह एमएसएमई 2025 तक 16 करोड़ लोगों को रोजगार से जोड़ने में सफल होगा।
गडकरी ने आईएएनएस से कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश की अर्थव्यवस्था को 5 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर का आकार देने की दिशा में काम कर रहे हैं। एमएसएमई सेक्टर इसमें अहम योगदान देगा। फिलहाल ग्रामीण उद्योगों का सालाना टर्नओवर 75 हजार करोड़ का है, इसे इस साल तक एक लाख करोड़ करेंगे। अगले पांच वर्षों में टर्नओवर को पांच लाख करोड़ करने का लक्ष्य है। इसी के साथ पांच साल में पांच करोड़ नए रोजगार के मौके उपलब्ध होंगे।”
आंकड़ों की बात करें तो मौजूदा समय एमएसएमई सेक्टर देश की जीडीपी में करीब 29 प्रतिशत का हिस्सा अदा करता है। नए रोजगार के मौके उपलब्ध कराने के लिए एमएसएमई मंत्रालय जीडीपी में सूक्ष्म, लघु और मंझोले उद्योगों का योगदान 29 प्रतिशत से बढ़ाकर 50० प्रतिशत करना चाहता है। एमएसएमई सेक्टर अब तक 11 करोड़ रोजगार पैदा कर चुका है। ऐसे में केंद्रीय मंत्री का दावा सच हुआ तो एमएसएमई अकेले 16 करोड़ रोजगार देने वाला सेक्टर बन जाएगा।