अंबाला। फ्रांस से खरीदा गया बहुप्रतिक्षीत अत्याधुनिक लड़ाकू विमान राफेल आखिरकार गुरूवार को औपचारिक रूप से वायुसेना के बेड़े में शामिल हो गया । आसमान मे इस बाहुबली को उड़ान भरता देख कर दुश्मन चीन और पाकिस्तान मे खलबली मच गयी होगी। राफेल को गोल्डन एरो स्कवाड्रन का हिस्सा बनाने के लिए अंबाला एयरबेस में एक जबरदस्त समारोह में आयोजित किया गया। इस शानदार कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, फ्रांस की उनकी समकक्ष फ्लोरेंस पार्ली, प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत, वायुसेना प्रमुख आर के एस भदौरिया और रक्षा सचिव अजय कुमार ने शिरकत की ।
इस मेगा समारोह की शुरुआत पारंपरिक सर्व धर्म पूजा के साथ हुई। इसके लिए हिंदू, मुस्लिम, ईसाई, सिख धर्मगुरु इस अवसर पर मौजूद थे। भारतीय वायु सेना में पांच राफेल लड़ाकू जेटों को शामिल करने से पहले सर्व धर्म पूजा का अनुष्ठान पूरा किया। सर्व धर्म पूजा धर्मगुरुओं ने शांति की दुआ मांगी, साथ ही देश के जवानों की सलामती की प्रार्थना की।
सर्व धर्म पूजा सम्पन्न होने के बाद अंबाला एयरबेस पर फ्लाईपास्ट शुरू हुआ। फ्लाईपास्ट में सबसे पहले पांच सुखोई विमानों ने उड़ान भरी। शानदार वायु प्रदर्शन एसयू -30 और जगुआर एयरक्राफ्ट ने भी करतब दिखाए। सारंग हेलिकॉप्टर्स एरोबेटिक टीम के हवाई प्रदर्शन के बाद अम्बाला एयरबेस में राफेल लड़ाकू जेट विमानों को वाटर कैनन सलामी दी गयी। इस फ्लाईपास्ट में स्वदेशी हल्के लड़ाकू विमान तेजस ने भी उड़ान भरी।
इस मेगा सेरेमनी के पहले भारतीय वायुसेना द्वारा भी ट्वीट करके जानकारी दी गयी कि आज भारतीय वायुसेना औपचारिक रूप से वायुसेना स्टेशन, अंबाला में 17 स्क्वाड्रन ‘गोल्डन एरो’ में राफेल विमान को शामिल करेगी। ‘IAF के शस्त्रागार में नया पक्षी।’
चीन और पाकिस्तान के साथ इन दिनों भारत का तनाव चल रहा है, जहां बॉर्डर से अंबाला एयरबेस स्टेशन पास है। ऐसे में वहां पर रणनीतिक तौर से राफेल की तैनाती भारत के लिए कारगर साबित होगी।
राफेल लड़ाकू विमान का कॉम्बैट रेडियस 3700 किलोमीटर है, साथ ही ये दो इंजन वाला विमान है जिसको भारतीय वायुसेना को दरकार थी। राफेल में 3 तरह की मिसाइल लगाई जा सकती हैं। चीन के साथ लद्दाख में जारी तनाव के बीच राफेल वायुसेना में आया है, जिसका एक फायदा ये भी है कि राफेल ओमनी रोल लड़ाकू विमान है. यह पहाड़ों पर कम जगह में उतर सकता है। इसे समुद्र में चलते हुए युद्धपोत पर उतार सकते हैं.
भारत को कुल 36 राफेल लड़ाकू विमान फ्रांस से मिलने हैं, जिसकी ये पहली किस्त है. अगले महीने पांच और राफेल विमान आ सकते हैं, जबकि सितंबर 2022 तक सभी 36 विमान भारत पहुंचेंगे। भारत सरकार ने फ्रांस सरकार के साथ गवर्नमेंट टू गवर्नमेंट समझौता किया था. करीब 60 हजार रुपये के इस समझौते में भारत को 36 विमान दसॉल्ट एविएशन कंपनी से मिलने हैं।