काठमांडू (एजेंसी)। नेपाल में विपक्षी नेपाली कांग्रेस ने कहा कि ओली सरकार देश में शाही शासन व्यवस्था पुन: स्थापित करने की मांग का समर्थन कर रही है। ऐसा वह रणनीति के तहत कर रही है। ऐसा देश के विभिन्न भागों में शाही शासन पुन: स्थापना के लिए हुई जनसभाओं में देखने को मिला है। इन सभाओं में राजशाही को पुन: कायम करने और नेपाल को हिंदू राष्ट्र बनाए जाने की मांग की गई है।

नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष शेर बहादुर देउबा ने हेतौदा में सरकार विरोधी जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, लग रहा है कि राजशाही की बहाली के आंदोलन के पीछे प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली खड़े हो गए हैं। अगर ऐसा नहीं है तो सड़कों पर राजशाही बहाल करने के लिए क्यों प्रदर्शन हो रहे हैं?

पूर्व प्रधानमंत्री देउबा ने कहा- नेपाल में अब कभी भी राजशाही स्थापित नहीं हो सकती

हालांकि पूर्व प्रधानमंत्री देउबा ने राजशाही की बहाली की संभावना को खारिज किया। कहा कि देश में अब कभी भी राजशाही स्थापित नहीं हो सकती। देउबा हाल ही में काठमांडू समेत देश के अन्य भागों में पूर्व राजा ज्ञानेंद्र के समर्थन में हुए प्रदर्शनों और सभाओं के संबंध में बोल रहे थे।

नेपाल में 2006 में राजशाही का हुआ था खात्मा, हिंदू राष्ट्र की जगह धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र घोषित

उल्लेखनीय है कि नेपाल में 2006 में राजशाही का खात्मा हुआ था और उसके बाद 2008 में उसका हिंदू राष्ट्र का दर्जा खत्म कर उसे धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र घोषित कर दिया गया था।

देउबा ने कहा- ओली सरकार कोविड से निपटने और दुष्कर्म की घटनाओं को रोकने में विफल

देउबा ने ओली सरकार के भ्रष्टाचार में आकंठ डूबे होने का आरोप लगाया। कहा कि सरकार कोविड से निपटने और दुष्कर्म की घटनाओं को रोकने में भी विफल रही है। नेपाली कांग्रेस के आह्वान पर सोमवार को देश के 77 जिलों में सरकार विरोधी प्रदर्शन आयोजित किए गए थे।

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