छत्तीसगढ़ के बीजापुर में नक्सली हमले में अगवा किए गए कोबरा बटालियन के जवान राकेश्वर सिंह मनहास को आज नक्सलियों ने रिहा कर दिया। राकेश्वर सिंह को सुरक्षित छुड़ाने के लिए अधिकारिक स्तर पर लगातार कोशिशें की जा रही थी। राकेश्वर सिंह के रिहा होने की खबर सुनते ही उनके परिजनों में खुशी की लहर दौड़ गई। उनकी पत्नी मीनू मनहास ने अपनी खुशी का इजहार करते हुए कहा कि आज का दिन जिंदगी की सबसे बड़ी खुशी का दिन है।
बताया जाता है कि छत्तीगढ़ के बीजापुर जिले में तीन अप्रैल को हुई मुठभेड़ के बाद अगवा किए गए जवान राकेश्वर सिंह मनहास की रिहाई के लिए नक्सलियों ने शर्तें रखी थीं। दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी की ओर से जारी दो पेज के पर्चे में कहा गया था कि सरकार पहले मध्यस्थ नियुक्त करे तब कोबरा कमांडो राकेश्वर सिंह मनहास की रिहाई करेंगे। नक्सलियों ने जारी पर्चे में यह माना था कि इस मुठभेड़ में उनके कुछ साथी मारे गए हैं। नक्सलियों ने पर्चे में दावा किया था कि सुरक्षा बलों के 14 हथियार और दो हजार कारतूस उनके पास हैं।
नक्सलियों ने कहा था कि सरकार को बातचीत के लिए माहौल बनाना चाहिए। गौरतलब है कि नक्सलियों के इस हमले में 22 सुरक्षाकर्मी वीरगति को प्राप्त हुए थे जबकि एक जवान लापता था। बाद में खबर आई थी कि लापता जवान कोबरा कमांडो राकेश्वर सिंह मनहास नक्सलियों की कैद में हैं। इसके बाद से ही राकेश्वर सिंह मनहास को नक्सलियों की कैद से छुड़ाने के लिए लगातार प्रयास किए जाते रहे, जिन्हे आज नक्सलियों ने रिहा कर दिया। राकेश्वर सिंह को छुड़ाए जाने के बाद सीधे बीजापुर लाया गया। बीजापुर के एसपी ने कहा कि जैसे ही हमें पता चला कि हमारा एक जवान नक्सलियों के कब्जे में है, उसी वक्त से प्रयास शुरु कर दिए गए थे। अभी डाक्टर राकेश्वर सिंह के स्वास्थ्य का परीक्षण कर रहे है।
परिवार में खुशी का माहौल
कोबरा जवान राकेश्वर सिंह मनहास को छुड़ाए जाने की खबर के बाद से ही परिवार में खुशी का माहौल है। राकेश्वर सिंह की पत्नी मीनू मनहास ने कहा कि मैं ईश्वर का, केंद्र और छत्तीसगढ़ सरकार के साथ साथ सेना का धन्यवाद करती हूं। आज मेरी जिन्दगी में सबसे खुशी का दिन है। मीनू मनहास ने यह भी बताया कि उन्हें अधिकारियों से उनके पति की सुरक्षित वापसी की जानकारी मिली है। उनके पति का स्वास्थ्य ठीक है।