कोरोना वायरस के संक्रमण से लड़ने के लिए सरकार की तरफ से जहां नागरिकों को देशभर में वैक्सीन लगाई जा रही है वहीं एक आयुर्वेदिक दवा भी सामने आई है जो कोरोना के उपचार में कारगर साबित हो रही है। आयुष मंत्रालय की तरफ से कहा गया है कि हल्के और मध्यम स्तर के कोरोना के उपचार के AYUSH 64 नाम की दवा कारगर साबित हो रही है।
आयुष मंत्रालय ने गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए यह जानकारी दी है। आयुष मंत्रालय की तरफ से कहा गया है कि देश में कोरोना संक्रमण के मौजूदा हालात में प्रसिद्ध संस्थानों के वैज्ञानिकों की यह खोज उम्मीद की किरण लेकर आई है।
आयुष के नेशनल रिसर्च प्रोफेसर डॉ भूषण पटवर्धन ने बताया कि AYUSH 64 के परिणाम बहुत उत्साहवर्धक हैं और दुनिया के प्रतिष्ठित मेडिकल जर्नल्स में इसके क्लीनिकल ट्रायल के नतीजें जल्द प्रकाशित किए जाएंगे। AYUSH 64 एक हर्बल दवा है और इसकी खोज केंद्रीय आयुर्वेदिक विज्ञान अनुसंधान परिषद ने की है और इसे हल्के और मध्यम स्तर के कोरोना संक्रमण के उपचार में कारगर पाया गया है।
अपने आप अस्पताल न भागें- डॉ. हर्षवर्धन
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने गुरुवार को कहा कि लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज में कुछ ही दिनों में 400 से ज्यादा बेड शुरू होंगे। ये ऑक्सीजन सपोर्टेड होंगे और अधिकांश पर वेंटिलेटर की सुविधा होगी। मैंने इनका खुद निरीक्षण किया है। मुझे आश्वासन मिला है कि हफ्ते के अंदर ये बेड शुरू हो जाएंगे। ऑक्सीजन पर्याप्त मात्रा में पहले भी था और अब तो इसे और भी बढ़ाया गया है। लोगों को ऑक्सीजन के बारे में सही ज्ञान आवश्यक है। जिसे जरूरत है उसे ऑक्सीजन मिलनी चाहिए। अपने आप अस्पताल न भागें। डॉक्टर कहते हैं कि अस्पताल में रहने की जरूरत है तो जरूर जाएं।
मास्क से बड़ा कोई हथियार नहीं
डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि हमारा सबसे बड़ा हथियार कोविड अनुरूप व्यवहार है। मास्क से बड़ा कोई हथियार नहीं है। जो मर्जी हो करें लेकिन कोविड अनुरूप व्यवहार मत भूलिये। दो गज की दूरी को मत भूलिये और थोड़े भी लक्षण हैं तो टेस्ट जरूर कराएं। कल कोविन प्लैटफॉर्म को शुरू करने के 3 घंटे के अंदर 88 लाख नौजवान वैक्सीनेशन के लिए बुक कर चुके थे। जिस तेजी से लोग वायरस की चपेट में आ रहे हैं उतनी ही तेजी से ठीक भी हो रहे हैं। हमारी मृत्यु दर शायद दुनिया में सबसे कम 1.11 प्रतिशत है।