धार्मिक पर्यटन नगरी अयोध्या के हवाई अड्डे का स्तर बढ़ाकर अंतरराष्ट्रीय स्तर का करने की शासन की मंशा के अनुरूप जिला प्रशासन की ओर से जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया चालू की गई थी जिसमें किसानों, भू स्वामियों एवं मकान मालिकों से सहमति पत्र लिखा कर जमीन लेने की फिराक में जिला प्रशासन लगातार क्षेत्र में लोगों पर दबाव बनाते हुए और मनमाफिक शर्तों पर जमीन हवाई पट्टी के नाम कराना चाह रहे थे । इससे प्रभावित क्षेत्र के लोगों में काफी डर और आशंका का माहौल व्याप्त हो गया था
इसी बीच जनौरा ग्राम सभा में हवाई पट्टी और विश्वविद्यालय भवन के बीच बसी कॉलोनी त्रिभुवन नगर के कुल 57 लोगों ने दिनेश कुमार सिंह की अगुवाई में लखनऊ हाईकोर्ट की शरण ली और अपनी अपील बेंच नंबर 25698 में तर्क दिया कि जिला प्रशासन बिना भूमि अधिग्रहण की विधिक प्रक्रिया अपनाए हम कॉलोनी वासियों को दबाव बनाकर उनके घरों प्लाटों से बेदखल कर जमीन हवाई पट्टी के पक्ष में लेना चाह रहा है। जिसका प्रशासन के पक्ष में पैरवी कर रहे वकीलों ने पुरजोर विरोध किया। लेकिन कालोनीवासियों की पैरवी करते वरिष्ठ अधिवक्ता एच डी एस परिहार और राकेश कुमार सिंह के तर्कों से सहमत जताते हुए कोर्ट ने स्टे आदेश पारित कर दिया और प्रशासन से तीन दिवस के भीतर जवाब दाखिल करने का निर्देश भी जारी किया ।
न्यायालय के इस निर्णय से कॉलोनी निवासियों व अन्य प्रभावित लोगों में भी अपने साथ न्याय की उम्मीद जगी है ।
बताते चलें कि इसी एयरपोर्ट अधिग्रहण प्रक्रिया से प्रभावित गंजा ग्राम सभा के लोगों ने भी काफी विरोध और धरना प्रदर्शन किया था लेकिन कोई हल नहीं निकल सका था।