लोकसभा की कार्यवाही बुधवार को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दी गई. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि इस सत्र में सदन की कार्यवाही अपेक्षा के अनुरूप नहीं हुई. उन्होंने कहा कि सदन में 22 प्रतिशत कार्य का ही निष्पादन हो सकता है. उन्होंने आगे कहा कि मैं हमेशा कोशिश करता हूं कि सदन में ज्यादा से ज्यादा कामकाज हो. जनता से जुड़े मुद्दों पर चर्चा हो. लेकिन इस बार हंगामे की वजह से सिर्फ 22 प्रतिशत ही काम हुआ. इससे मैं आहत हूं. 

ओम बिरला ने आगे बताया कि मॉनसून सत्र के दौरान संविधान 127वां संशोधन विधेयक सहित कुल 20 विधेयक पारित किए गये. 66 तारांकित प्रश्नों के मौखिक उत्तर दिए गए, सदस्यों ने नियम 377 के अधीन 331 मामले उठाये. 

लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि सदन केवल 21 घंटे 14 मिनट तक चला. 96 कार्य घंटों के कोरम में से 74 घंटे 46 मिनट तक काम नहीं हो सका. कुल उत्पादकता 22% थी.ओबीसी विधेयक सहित कुल 20 विधेयक पारित किए गए, जिसे सभी दलों की सर्वसम्मति से पारित किया गया.

19 जुलाई को सत्र की शुरूआत के बाद से कथित पेगासस जासूसी विवाद, कृषि कानूनों, मुद्रास्फीति और अन्य मुद्दों पर विपक्ष के विरोध ने लगातार कार्यवाही को प्रभावित किया था.

हालांकि, ओबीसी विधेयक को पारित करते समय विपक्षी सांसदों की सरकार के साथ एकमत थी, जिसे मंगलवार को एक मैराथन बहस के बाद पारित किया गया था. यह एकमात्र विधेयक था जो बहस के बाद पारित किया गया था, बाकी विधेयकों को बिना चर्चा के पारित किया गया था.

प्रश्नकाल में इस सत्र के दौरान प्रतिदिन अधिकांश व्यवधान देखे गए और नियम 377 के तहत उठाए गए अधिकांश प्रश्नों को रखा गया. सदन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह मौजूद थे.

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