अनिता चौधरी
राजनीतिक संपादक

वर्षों का इंतजार अब खत्म होने वाला है, राजा राम के भव्य मंदिर के निर्माण की मंगल बेला आ चुकी है, जब पांच अगस्त को अयोध्या में राम लला के जन्म स्थान पर भव्य मंदिर के निर्माण का आगाज़ हो जाएगा। बताने की जरूरत नहीं कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए 05 अगस्त को भूमि पूजन है।

भूमि पूजन देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों होना है । फिर, श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण का काम शुरू होगा।

लेकिन हमें ये नहीं भूलना चाहिए कि इस अद्भुत बेला के पीछे विश्व के तमाम रामभक्तों का लंबा संघर्ष भी शामिल है। धर्मनगरी अयोध्या के भगवान श्रीराम की जन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण के लिए अनेक आंदोलन हुए। जिस तरह छेनी चलाकर एक मूर्तिकार किसी किसी पत्थर को मूर्त रूप देता है, ठीक वैसे ही बहुतेरे हैं जिन्होने श्रीराम के प्राकट्य स्थल मंदिर निर्माण के लिए संघर्ष का बिगुल फूका।

यह प्रयास न सिर्फ आध्यात्मिक बल्कि समाज और प्रशासनिक स्तर पर भी हुआ।

अब जब मंदिर निर्माण कार्य शुरू होगा तो आइए जानते हैं इस मंदिर निर्माण में किस-किसकी होगी अहम भूमिका।

नृपेंद्र मिश्रा, मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष

राममंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा पर भव्य राम मंदिर निर्माण की जिम्मेदारी महत्वपूर्ण है। वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रधान सचिव की जिम्मेदारी का निर्वहन करने वाले नृपेंद्र मिश्र के कंधों पर अब अयोध्या स्थित भगवान श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण की जिम्मेदारी भी है। इनके सामने समय सीमा के भीतर मंदिर निर्माण को पूरा करवाने की चुनौती है।

चंपत राय, विहिप के अंतरराष्ट्रीय उपाध्यक्ष

विहिप के अंतरराष्ट्रीय उपाध्यक्ष चंपत राय राम मंदिर आंदोलन के समय से ही इस कार्य में जुड़े हैं। अब श्रीरामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव की जिम्मेदारी निभा रहे चंपत राय दोहरी भूमिका में हैं। एक ओर हिन्दू जनमानस की आस्था को उद्वेलित होने से नियंत्रित रखना है तो दूसरी ओर श्रीराम मंदिर निर्माण को बिना विघ्न बाधा के समय से पूरा करने की कोशिश करना है। इतना ही नहीं, नियंत्रित भाव से मीडिया को जानकारियां देने का कार्य भी इनकी ही जिम्मेदारी है।

महंत नृत्य गोपाल दास, श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष

महंत नृत्य गोपाल दास श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष हैं। वह मंदिर निर्माण के लिए होने वाले कार्यों में लगातार अगुवा की भूमिका में रहे हैं। इनकी अगुवाई में राम मंदिर निर्माण के लिए चंदा भी इकट्ठा किया जाता रहा है। इन पर विवादित ढांचा विध्वंस में शामिल रहने के आरोप में मुकदमा चल रहा है।

के. पराशरण, वरिष्ठ वकील और श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के स्थायी सदस्य

93 वर्षीय के पराशरण सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील और श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के स्थायी सदस्य हैं। सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या केस में लंबे समय से हिंदू पक्ष की पैरवी करने वाले पराशरण आखिर तक चली सुनवाई में भी खुद बहस करते रहे। रामलला के पक्ष में फैसला लाने में के. पराशरण का अहम योगदान रहा है।

विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र, स्थायी सदस्य

अयोध्या राज परिवार के विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र भी श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के स्थायी सदस्य हैं। राम मंदिर निर्माण में विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र अहम जिम्मेदारी निभा रहे हैं। ट्रस्ट गठन के बाद कमिश्नर एमपी अग्रवाल ने श्रीराम जन्मभूमि के रिसीवर की जिम्मेदारी इन्हें सौंपी। अब इनकी जिम्मेदारी काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है।

कामेश्वर चौपाल, दलित वर्ग से स्थायी सदस्य

ट्रस्ट में दलित समुदाय के तौर पर कामेश्वर चौपाल को स्थायी सदस्य बनाया गया हैं। वर्ष 1989 के श्रीराम मंदिर आंदोलन के समय हुए शिलान्यास में कामेश्वर ने ही श्रीराम मंदिर की पहली ईंट रखी थी।

डॉ. अनिल कुमार मिश्र, स्थायी सदस्य-अवध प्रांत के प्रांत कार्यवाह

होम्योपैथी के डॉक्टर और ट्रस्ट के स्थायी सदस्य अनिल कुमार मिश्र श्रीराम मंदिर आंदोलन के दौरान विनय कटियार के साथ जुड़े थे। मौजूदा समय में वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के अवध प्रांत के प्रांत कार्यवाह हैं। इन्हें श्रीराम मंदिर आंदोलन में आम जनमानस की भावनाओं और हिन्दू समाज के एकत्रीकरण योद्धा के रूप में जाना जाता है।

महंत दिनेंद्र दास, निर्मोही अखाड़ा के महंत

निर्मोही अखाड़ा के प्रमुख महंत दिनेंद्र दास भी ट्रस्ट के स्थायी सदस्य के तौर पर शामिल हैं। वह निर्मोही अखाड़े की ओर से सुप्रीम कोर्ट में लंबे समय तक मुकदमा लड़ते रहे हैं।

वासुदेवानंद सरस्वती जी महाराज, जगतगुरु शंकराचार्य

जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वतीजी महाराज श्रीराम जन्मभूमि मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य हैं। ये बद्रीनाथ स्थित ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य हैं।

प्रसन्नतीर्थ जी महाराज, पेजावर मठ के 33वें पीठाधीश्वर

प्रसन्नतीर्थ जी महाराज श्रीराम जन्मभूमि मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के ट्रस्टी सदस्य हैं। ये कर्नाटक के उडुपी स्थित पेजावर मठ के 33वें पीठाधीश्वर हैं।

युगपुरुष परमानंद, वेदांत के जानकार

अखंड आश्रम हरिद्वार के प्रमुख युगपुरुष परमानंद जी महाराज श्रीराम जन्मभूमि मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य हैं। वेदांत पर उनकी 150 से ज्यादा किताबें प्रकाशित हो चुकी हैं।

देव गिरि जी महाराज, ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष

स्वामी गोविंद देव गिरि जी महाराज श्रीराम जन्मभूमि मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य के साथ-साथ कोषाध्यक्ष भी हैं। ऐसे में राममंदिर निर्माण के लिए चंदे का सारा हिसाब-किताब इन्हीं के पास है।

अवनीश अवस्थी, यूपी सरकार के प्रतिनिधि

अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए गठित श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट में उत्तर प्रदेश सरकार के प्रतिनिधि के तौर पर अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी और अयोध्या के जिलाधिकारी अनुज कुमार झा को शामिल किया गया है। मंदिर ही नहीं बल्कि अयोध्या को सुंदर बनाने और सजाने की जिम्मेदारी इन्हीं दोनों लोगों के हाथ में है।

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