नए कृषि कानूनों पर सरकार के साथ आर-पार की लड़ाई लड़ रहे किसान अपनी मांगों को लेकर किसी भी सूरत में झुकने को तैयार नहीं हैं। किसानों ने सरकार से जल्द उनकी मांगे मानने की अपील की है। वहीं, किसान आंदोलन में शामिल होने के लिए दिल्ली आ रहे किसानों के जत्थों के चलते दिल्ली-एनसीआर की यातायात व्यवस्था बुरी तरह चरमरा गई है। किसानों को दिल्ली पहुंचने से रोकने के लिए पुलिस ने सड़कों पर बैरिकेडिंग कर सुरक्षा बढ़ा दी है।

इस बीच सरकार संग वार्ता के लिए विज्ञान भवन पहुंचे भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने किसान कानून रद्द करवाना चाहते हैं या उनमें संशोधनके सवाल पर कहा कि हमें उम्मीद है कि आज बात बनेगी। सभी काम होंगे, आज कानून वापसी होगी और किसान भी अपने घर जाएंगे। अभी चलकर सरकार से बात करेंगे। 

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– दिल्ली : भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद ने सिंघु बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि अगर सरकार तानाशाह हो जाती है तो लोगों को सड़कों पर उतरना चाहिए। सरकार को इस आंदोलन को रोकना चाहिए। हम अपने किसानों का समर्थन करने के लिए यहां आए हैं और अंत तक उनके साथ खड़े रहेंगे। 

 गाजियाबाद : किसान आंदोलन में शामिल होने आ रहे किसानों के जत्थों के चलते शहर की ट्रैफिक व्यवस्था बुरी तरह चरमरा गई है। हालात को देखते हुए एक तरफ ट्रैफिक पुलिस ने डासना फ्लाईओवर को बैरिकेडिंग कर मेरठ एक्सप्रेस वे पर भारी वाहनों को पूरी तरह बंद कर दिया है। वहीं हापुड़ से आने वाली ट्रैफिक को हापुड़ रोड के जरिये शहर के बीच से निकाला जा रहा है। जो हल्के वाहन डासना फ्लाईओवर से मेरठ एक्सप्रेस वे पर यूपी गेट की ओर जा रहे हैं, उन्हें लालकुआं से ग्रेटर नोएडा और मॉडल टाउन से नोएडा की ओर मोड़ा जा रहा है। इससे जगह-जगह जाम की स्थिति बन गई है। शहर की अंदरूनी सड़कों पर भी वाहनों का दबाव काफी बढ़ गया है। इसी प्रकार मोदीनगर से आने वाली ट्रैफिक को भी जगह जगह से डायवर्ट किया गया है। इसके चलते पूरी सड़क पर वाहन रेंगते हुए चल रहे हैं।

गौरतलब है कि केन्द्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ हजारों किसान दिल्ली से लगती सीमाओं के प्रवेश मार्गों पर गुरुवार को लगातार आठवें दिन भी डटे हुए हैं। किसानों को आशंका है कि इन कानूनों के कारण न्यूनतम समर्थन मूल्य समाप्त हो जाएगा। 

बता दें कि किसान हाल ही बनाए गए तीन नए कृषि कानूनों – द प्रोड्यूसर्स ट्रेड एंड कॉमर्स (प्रमोशन एंड फैसिलिटेशन) एक्ट, 2020, द फार्मर्स ( एम्पावरमेंट एंड प्रोटेक्शन) एग्रीमेंट ऑन प्राइस एश्योरेंस एंड फार्म सर्विसेज एक्ट, 2020 और द एसेंशियल कमोडिटीज (एमेंडमेंट) एक्ट, 2020 का विरोध कर रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि नए केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों की चिंताओं पर गौर करने के लिए एक समिति गठित करने के केंद्र सरकार के प्रस्ताव को मंगलवार को किसान प्रतिनिधियों ने ठुकरा दिया था। सरकार के वरिष्ठ मंत्रियों और अधिकारियों के साथ मंगलवार को हुई उनकी लंबी बैठक बेनतीजा रही थी। अब दूसरी बैठक गुरुवार को होगी। इन कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर बड़ी संख्या में किसान दिल्ली से लगी सीमाओं पर एक सप्ताह से प्रदर्शन कर रहे हैं। 

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