कस्टम विभाग ने आज औपचारिक रूप से केरल के निलंबित आईएएस अधिकारी एम शिवशंकर को  गिरफ़्तार कर लिया है। यह गिरफ्तारी केरल के सोना तस्करी मामले के संबंध में हुई है। सूत्रों ने कहा कि आज सुबह सीमा शुल्क (निवारक) आयुक्तालय के अधिकारियों ने उस जेल का दौरा किया, जहां प्रवर्तन निदेशालय ने सोना तस्करी मामले में मनी ट्रेल की जांच के बाद गिरफ्तार कर रखे हुए है।

आपको बता दें कि इससे पहले कोच्चि कोर्ट में एम शिवशंकर की पेशी हुई थी, जहां प्रवर्तन निदेशालय की कस्टडी में भेज दिया गया था। एजेंसी ने केरल सोना तस्करी मामले में विस्तार से पूछताछ की है। केरल हाईकोर्ट ने शिवकुमार की अग्रिम जमानत याचिका खारिज होने के बाद ईडी अधिकारियों ने उन्हें को हिरासत में ले लिया था। इस मामले में सीमा शुल्क अधिकारियों ने जांच की थी और शिवशंकर के खिलाफ प्रमुख साक्ष्य के रूप में चार्टर्ड एकाउंटेंट के साथ व्हाट्सएप चैट को न्यायालय में प्रस्तुत किया। अधिकारियों ने अदालत को बताया था कि चूंकि शिव शंकर पूछताछ में सहयोग नहीं कर रहे हैं, इसलिए उसे हिरासत में लेकर पूछताछ करनी होगी जिसे न्यायालय ने स्वीकार कर लिया था। 

अर्थशोधन निवारण अधिनियम, 2002 (पीएमएलए), के मामलों के लिए बने विशेष कोर्ट से अनुमति मिलने के बाद कस्टम विभाग ने यह गिरफ्तारी की है। कस्टम विभाग ने विशेष न्यायालय के समक्ष दावा किया था कि सोना तस्करी मामले में उनके पास इस अधिकारी के खिलाफ पुख्ता सुबूत हैं। गौरतलब है कि एम शिवशंकर केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजय के पूर्व प्रधान सचिव थे। 

कस्टम विभाग ने कहा कि एस मामले में उसने 15 लोगों को हिरासत में लिया है। इसमें मुख्य आरोपी स्वपना सुरेश, सरिथ पीएस और संदीप नायर भी शामिल हैं। आपको बता दें कि 5 जुलाई को तिरुवनंतपुरम में एक डिप्लोमैटिक सामान में तस्करी का 30 किलो सोना जब्त किया था।

नेशनल इंवेस्टीगेटिंग एजेंसी (एनआईए), प्रवर्तन निदेशालय, और कस्टम विभाग इस मामले की अगल-अगल जांच कर रहे हैं। आईएएस अधिकारी एम शिवशंकर को सुरेश के साथ लिंक होने चलते सस्पेंड किया गया था।

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