भगवान केदारनाथ के कपाट खोलने की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. भगवान केदारनाथ के भव्य और दिव्य मंदिर को 11 क्विंटल फूलों से सजाया गया है. केदारनाथ के रावल भीमाशंकर लिंग एवं जिलाधिकारी मनुज गोयल भी केदारनाथ धाम पहुंच गए हैं. सोमवार सुबह पांच बजे भगवान केदारनाथ के कपाट विधि-विधान और वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ खोले जाएंगे.

वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के कारण चारधाम यात्रा स्थगित होने के बाद इस बार भी भगवान केदारनाथ के कपाट सादगी से खुलेंगे. इस समय कुछ ही तीर्थ पुरोहितों को केदारनाथ धाम जाने की अनुमति दी गई है.

कपाट खोलने की तैयारियों को लेकर अधिकारी और कर्मचारी केदारनाथ धाम में मौजूद हैं. लेकिन, भक्तों के बिना बाबा का दरबार वीरान है. कपाट खोलने को लेकर देवस्थानम् बोर्ड की ओर से सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं.

देवस्थानम् बोर्ड के अधिकारी और डोली प्रभारी यदुवीर पुष्वाण ने बताया कि भगवान केदारनाथ सहित सभी सहायक मंदिरों को रंग रोगन कर सजाया गया है. बिजली एवं पानी की आपूर्ति सुचारू कर दी गयी है.

परंपरा के मुताबिक डोली पहुंची केदारनाथ

केदारनाथ धाम के कपाट खुलने से पहले 13 मई को भगवान भैरवनाथ की पूजा-अर्चना की गई थी. बाबा केदार की विग्रह डोली ऊखीमठ से प्रस्थान कर 14 मई को फाटा पहुंची जिसके बाद 15 मई को गौरीकुंड और 16 मई को केदारनाथ धाम पहुंच गई.

इससे पहले ओंकारेश्वर मंदिर और भैरवनाथ मंदिर की परिक्रमा के बाद डोली केदारनाथ के लिए प्रस्थान किया. परंपरा के मुताबिक डोली समाधिस्थल की परिक्रमा करते हुए ऊखीमठ-चोपता-गोपेश्वर हाईवे पर पहुंची. यहां पर पहले से मौजूद प्रशासन, पुलिस और देवस्थानम बोर्ड के अधिकारियों ने डोली को वाहन में विराजमान करते हुए विदा किया. केदारनाथ समेत चारधामों के कपाट हर साल अक्टूबर-नवंबर में सर्दियों के मौसम में बंद कर दिए जाते हैं. फिर अगले साल अप्रैल-मई के महीने में भक्तों के दर्शन के लिए खोल दिए जाते हैं.

18 मई को खुलेंगे बदरीनाथ धाम के कपाट

बदरीनाथ धाम के कपाट 18 मई को खोले जाएंगे. धाम के कपाट विधि-विधान के साथ प्रात: 4:15 बजे खोले दिए जाएंगे.

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