भारत की महिला खिलाड़ी ओलम्पिक में बड़ा धमाका करने के लिए तैयार : गीता फोगाट
वाराणसी। भारत की महिला ओलम्पिक खिलाड़ियों साक्षी मालिक और साइना नेहवाल ने पिछले ओलम्पिक में मेडल प्राप्त किए थे और इसबार के ओलम्पिक में भी भारत की महिला खिलाड़ी बड़ा धमाका करने के लिए तैयार हैं। उक्त बातें वाराणसी पहुंची इंटरनेशनल वूमेन रेसलर गीता फोगाट ने कही। गीता फोगाट वाराणसी से संचालित तेजस्वनी स्ट्रांग वूमेन क्लब के पहले स्थापना दिवस समारोह में बतौर मुख्य अतिथि पहुंची थी।
इस दौरान उन्होंने पढ़ाई के साथ ही साथ खेल को भी आवश्यक बताया और कहा कि दोनों ज़रूरी है पर हम 100 परसेंट किसी एक चीज़ में ही दे सकते हैं।
यूपी में प्रतिभा की कमी नहीं
गीता फोगाट ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि महिला सशक्तिकरण और महिलाओं को खेल की दुनिया में आगे लाने के लिए मेरी योजना है, मै जल्द ही एक रेसलेनिग एकेडमी महिलाओं के लिए खोलने वाली हूं। उत्तर प्रदेश की अगर बात करें तो यहां की सरकार अपने खिलाड़ियों की जितनी हो सके उतनी मदद कर सके। यहाँ प्रतिभाओं की कमी नहीं है।
सिंह सिस्टर्स और अलका तोमर का दिया उदाहरण
उत्तर प्रदेश में महिला खिलाड़ियों की कमी पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि ऐसा आप नहीं कह सकते। मेरी काफी सीनियर और इण्टरनेशनल रेसलर और अर्जुन एवार्डी अलका तोमर जी मेरठ की निवासी हैं और इसके अलावा बनारस की सिंह सिस्टर्स को कौन नहीं जानता। इन्होने अपनी मेहनत और लगन से सफलता के मुकाम को पाया है।
पढ़ाई के साथ-साथ खेल भी ज़रूरी
पढ़ाई और खेल के साथ-साथ करने के सवाल पर गीता फोगाट ने कहा कि खेल के साथ-साथ हमें पढ़ाई भी करना चाहिए पर यदि आप की रूचि खेल में हैं तो खेल ज़रूर खेलें। उन्होंने यह भी कहा कि दोनों में से किसी एक चीज़ में व्यक्ति परफेक्ट हो सकता है। यदि खेल में परफेक्ट होना है तो पढ़ाई में परफेक्शन नहीं आ सकता। आप दोनों जगह परफेक्ट नहीं हो सकते पर उन्होंने ज़ोर देते हुए कहा कि पढ़ाई ज़रूरी है।
पिता ने कभी ये नहीं सोचा की समाज क्या कहेगा
सफलता के पीछे उन्होंने अपने माता-पिता का सम्पूर्ण योगदान बताया। उन्होंने कहा कि पिता ही हमारे कोच थे और उनसे ही हमने सारे दांव-पेच सीखे हैं। उन्होंने कभी ये नहीं सोचना की लोग क्या सोचेंगे, ज़माना क्या सोचेगा। उन्होंने हमें खुली छूट दी और आज हम इस मुकाम पर हैं। किसी भी खिलाड़ी की सफलता के पीछे उसकी माता का बड़ा योगदान होता है।