विवादित विध्वंस केस में सीबीआई कोर्ट के स्पेशल जज एसके यादव ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि इस ध्वंस की घटना पूर्व नियोजित नहीं थी। घटना अकस्मात हुई, पूर्व नियोजित नहीं थी।

2300 पन्नों के फैसले में सीबीआई कोर्ट ने माना कि यह घटना अचानक हुई थी। कोई पूर्व सुनियोजित साजिश नहीं थी। कोर्ट ने कहा कि फोटो से किसी को आरोपी नहीं बनाया जा सकता है। फोटो, वीडियो, फोटोकॉपी को जिस तरह से साबित किया गया वह साक्ष्य में ग्राह्य नहीं है।

फैसला सुनाते हुए जज एसके यादव ने कहा कि कोर्ट में टेंपर्ड सबूत पेश किए गए थे। इसे (बाबरी मस्जिद का ढांचा) अराजक तत्वों ने तोड़ा है, इन 32 लोगों ने बचाने की कोशिश की। अचानक से भीड़ आई और उन लोगों ने ढांचे को गिरा दिया।