नई दिल्ली। भारी घाटे और कर्ज के कारण अप्रैल 2019 में बंद हो चुकी जेट एयरवेज फिर आसमान में उड़ने काे तैयार है। देश की सबसे पुरानी प्राइवेट एयरलाइन जेट एयरवेज काे आखिरकार नया खरीदार मिल ही गया है। उम्मीद की जा रही है कि जरूरी मंजूरी लेने के बाद चार से छह महीने में जेट एयरवेज के विमान फिर उड़ान भरने लगेंगे। दिवालिया हाे चुकी जेट एयरवेज काे लेकर लगी बाेली काे जालान कल्क्रॉक कंसोर्टियम ने जीत लिया है. कंसोर्टियम अब नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल से रिजॉल्यूशन प्लान की मंजूरी मिलने के बाद चार से छह महीनों में डिफॉल्ट एयरलाइन के परिचालन को फिर से शुरू कर सकती है।
25 विमानाें से साथ भरेगी उड़ान
कंसोर्टियम ने कहा कि शुरुआत में जेट एयरवेज लगभग 25 विमानों के साथ उड़ान शुरू करेगा। जालान के एक अधिकारी ने कहा कि NCLT के फैसले के बाद हम चार से छह महीने के भीतर विमान सेवा शुरू कर पाएंगे। कंपनी भारतीय विमानन के बारे में बहुत सकारात्मक है और उज्ज्वल भविष्य का भरोसा कर रही है। एनसीएलटी (NCLT) की ओर से मंजूरी मिलने के बाद रिजॉल्यूशन प्लान को सिविल एविएशन मंत्रालय के पास भेजा जाएगा. इसके बाद इसे सिविल एविएशन डायरेक्टरेट के पास भेजा जाएगा।
भारी घाटे और कर्ज के कारण जेट एयरवेज अप्रैल 2019 में बंद हो गई थी। उस समय कंपनी के प्रमोटर नरेश गोयल को 500 करोड़ रुपए की जरूरत थी, लेकिन वे इसे जुटा नहीं पाए। हालत यह हो गई कि कर्मचारियों की सैलरी और अन्य खर्च भी नहीं निकल पा रहे थे। जेट एयरवेज बंद होने के बाद इसके करीब 17 हजार कर्मचारी सड़क पर आ गए थे। इसके बाद जेट एयरवेज को कर्ज देने वाले बैंकों के कंसोर्टियम ने नरेश गोयल को कंपनी के बोर्ड से हटा दिया था।
एयरलाइन के बेड़े में एक समय 120 विमान थे, जो इसके बंद होने के समय सिर्फ 16 रह गए थे। फंड की समस्या की वजह से कंपनी को संचालन बंद करना पड़ा। कंपनी जून 2019 में कॉर्पोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया के तहत चली गई। इसका घाटा मार्च 2019 को समाप्त वित्त वर्ष में बढ़कर 5,535.75 करोड़ रुपए हो गया। विशेषज्ञों का कहना है कि जेट को फिर से उड़ान सेवा शुरू करने के लिए बड़ी संख्या में नई नियुक्तियां करनी होगी। यह कोरोना के बाद सुस्त पड़े जॉब मार्केट में तेजी लाने का काम करेगा।