पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने आरोप लगाया कि जब पूरी दुनिया कोरोना वायरस की बीमारी से लड़ रही है तो भारत सरकार जानबूझकर मुस्लिम समुदाय को निशाना बना रही है। इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) ने भी भारत पर इस्लामोफोबिया को बढ़ावा देने का आरोप लगाया।

विदेश मंत्रालय ने इमरान खान के बयान को आधारहीन और अजीब करार देते हुए कहा कि ये घरेलू हालात को संभाल पाने में नाकामी से ध्यान भटकाने की कोशिश है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि कोरोना वायरस से लड़ाई पर ध्यान लगाने के बजाय पाकिस्तान अपने पड़ोसी देशों के खिलाफ आधारहीन आरोप लगा रहा है। इमरान खान की टिप्पणी को लेकर विदेश मंत्रालय ने कहा, अल्पसंख्यकों की बात करें तो पाकिस्तानी नेतृत्व को अपने अल्पसंख्यकों की चिंताओं पर ध्यान देना चाहिए जिनके खिलाफ वास्तव में भेदभाव किया जा रहा ह।

दरसअल, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने ट्वीट किया था, कोरोना वायरस महामारी पर मोदी सरकार की नीति से हजारों लोग सड़कों पर भटक रहे हैं और भूख से तड़प रहे हैं, अपनी नीतियों को लेकर लोगों की नाराजगी से ध्यान हटाने के लिए मोदी सरकार जानबूझकर मुस्लिमों को निशाना बना रही है। पाकिस्तानी पीएम इमरान खान ने एक बार फिर मोदी सरकार की विचारधारा की तुलना जर्मनी के नाजीवाद से की.

पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने भी एक पोस्ट में भारत सरकार पर कश्मीरियों के खिलाफ हिंसा और दमन का आरोप लगाया। पाकिस्तानी राष्ट्रपति ने एक ग्राफिक्स शेयर किया जिसमें कश्मीर में डॉक्टरों और वेंटिलेटर्स की कमी को दिखाया गया था।

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के ट्वीट से पहले इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) के मानवाधिकार आयोग ने भी भारत पर कोरोना वायरस के जरिए मुस्लिमों की छवि खराब कर इस्लामोफोबिया फैलाने का आरोप लगाया और इसकी निंदा की। ओआईसी ने कहा कि भारत सरकार इस्लामोफोबिया की लहर को रोकने के लिए तत्काल कदम उठाए और मुस्लिम समुदाय के अधिकारों की सुरक्षा करे।

पिछले साल ओआईसी ने पाकिस्तान के विरोध के बावजूद सालाना बैठक में भारत को आमंत्रित किया था। इसे इस्लामिक देशों के साथ भारत के रिश्ते बेहतरीन होने का सबूत माना जा रहा था। हालांकि, पिछले कुछ महीनों में ओआईसी ने कश्मीर और सीएए को लेकर भारत सरकार की तीखी आलोचना की है। विदेश मंत्रालय ने भी इन आरोपों का मजबूती से खंडन किया है।

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