नई दिल्ली (एजेंसी)। भारत-चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर लंबे समय से तनातनी चल रही है। जून महीने में गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के बाद, तनाव कम करने को लेकर दोनों पक्षों में कई बार बातचीत हो चुकी है, लेकिन कुछ मुद्दों पर विवाद सुलझ नहीं सका है। अब भारत ने चीन के उस सुझाव को सिरे से खारिज करते हुए ठेंगा दिखा दिया है, जिसमें वह चालबाजी दिखाने की कोशिश कर रहा था।
दरअसल, लद्दाख के फिंगर एरिया से पीछे हटने के लिए चीन ने भारत के सामने कुछ सुझाव रखे थे। इसके तहत, चीन ने कहा था कि हमारी सेना पीछे हट जाएगी, बशर्ते भारतीय सेना को भी पीछे हटना होगा। सूत्रों ने कहा कि चीनी पक्ष ने सुझाव देते हुए कहा कि भारत और चीन दोनों को फिंगर-4 इलाके से पीछे जाना होगा। इसका जवाब देते हुए भारतीय पक्ष ने दो टूक मना कर दिया।
दोनों पक्षों के बीच कूटनीतिक स्तर की वार्ता होने के बाद, दोनों देश और सैन्य स्तर की बातचीत करने के पक्ष में हैं, जिससे तीन महीने से भी ज्यादा वक्त से चले आ रहे तनाव को खत्म किया जा सके। हालांकि, लगातार बातचीत और चीन की चालबाजी की वजह से पूरी तरह हल नहीं निकलता देख शीर्ष सैन्य कमांडरों ने फील्ड कमांडरों से सीमा पर लंबे वक्त के लिए डटे रहने के लिए पूरी तरह तैयार रहने को कहा है।
फिलहाल, चीनी सेना पैंगोंग सो झील के पास फिंगर-5 के आसपास है और फिंगर 5 से फिंगर 8 तक पांच किलोमीटर से अधिक की दूरी पर बड़ी संख्या में सैनिकों और उपकरणों को तैनात किया है, जहां पर अप्रैल-मई से चीनी बेस मौजूद हैं।
चीन को भारत लगातार दो टूक संदेश देता आया है कि उनके सैनिकों को वापस यथास्थिति कायम करनी होगी और फिंगर एरिया को पूरी तरह से छोड़कर उसी जगह पर जाना होगा, जहां वे अप्रैल महीने में थे। सूत्रों ने कहा, ‘चीनी सुझाव को स्वीकार करने के बारे में कोई सवाल ही नहीं खड़ा होता है।’ वहीं, भारत 1993-1996 के दौरान दोनों पक्षों के बीच हुए समझौतों का उल्लंघन करने वाले चीनी गतिविधियों के बारे में भी ड्रैगन को अवगत करा रहा है। इस समझौते के अनुसार, चीनी उस स्थानों पर कोई भी निर्माण नहीं कर सकते हैं।
भारत ने दिया दो टूक जवाब
चीनी सेना ने फिंगर इलाके में निर्माण किया हुआ, जोकि फिंगर 8 तक भारतीय क्षेत्र है। भारतीय सेना का बड़ा रुख रहा है कि पहले चीनी सेना को वहां उसे पीछे हटना होगा, इसके बाद ही भारत पूर्वी लद्दाख के डेप्सांग और दौलत बेग ओल्डी इलाकों से पीछे हटने पर कोई चर्चा करेगा।
भारत और चीन के बीच पू्र्वी लद्दाख की दोनों देशों की सीमा पर अप्रैल-मई से ही तनाव चल रहा है। दोनों देशों के बीच यह विवाद तब और बढ़ गया था, जब जून मध्य में गलवान घाटी में भारत-चीन सेना के बीच हिंसक टकराव हो गया था। इस टकराव में भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे और चीन के भी बड़ी संख्या में सैनिक मारे गए थे। इसके बाद भारत और चीन सीमा पर शांति स्थापित करने के लिए कई स्तर की वार्ता कर रहे हैं।