नई दिल्ली ( एजेंसी) | चीन की कंपनियों की ओर से भारत के कुछ नेताओं सहित दस हजार लोगों की जासूसी करने की खबरों के बीच सरकार ने बुधवार को इस मुद्दे को नई दिल्ली स्थित चीन के राजदूत के समक्ष उठाया। यह जानकारी विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कांग्रेस नेता के सी वेणुगोपाल को एक पत्र लिखकर दी है। पत्र में कहा गया है कि इस मामले को चीन के विदेश मंत्रालय के समक्ष भी उठाया गया है।

एस जयशंकर ने वेणुगोपाल को बताया, ‘इस मामले को विदेश मंत्रालय ने आज चीन के राजदूत के समक्ष उठाया। बीजिग में हमारे दूतावास ने इसे चीन के विदेश मंत्रालय के समक्ष भी उठाया। चीनी पक्ष ने कहा कि शेनजेन जेन्हुआ एक निजी कंपनी है।’

उन्होंने कहा, ‘चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि संबंधित कंपनी और चीन सरकार के बीच कोई संबंध नहीं है।’ जयशंकर का यह बयान वेणुगोपाल द्वारा इस मामले को राज्यसभा में शून्यकाल के दौरान उठाने के बाद आया है।

जयशंकर ने पत्र में बताया कि शेनजेन जेन्हुआ के एक प्रतिनिधि ने कहा कि डेटा मुक्त स्रोत (ओपन सोर्सेज) से लिए गए हैं। मंत्री ने कहा कि कंपनी ने गोपनीय सूत्रों से निजी जानकारियां हासिल किए जाने की बात से इनकार किया है।

न्यूज एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी है कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री मोदी समेत भारत की 10 हजार से ज्यादा हस्तियों और संगठनों की जासूसी के मामले में केंद्र सरकार ने बुधवार को एक कमेटी का गठन किया है। यह कमेटी एक महीने के अंदर रिपोर्ट देगी।