नई दिल्ली। तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में यूपी, पंजाब और हरियाणा में किसानों ने संयुक्त किसान मोर्चा के देशव्यापी आह्वान पर चार घंटे लंबा ‘रेल रोको’ आंदोलन किया । प्रशासन ने किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए रेलवे स्टेशनों पर सुरक्षाबलों की तैनाती बढ़ा दी थी। आंदोलन के चलते रेलवे ने खुद से करीब 25 ट्रेनों को अलग-अलग स्टेशनों पर रोक कर रखा।

रेल रोको आंदोलन के मद्देनजर किसान संगठनों ने हरियाणा के अंबाला में रेलवे ट्रैक को ब्लॉक कर दिया
। पलवल में भी किसानों ने रेलवे ट्रैक को ब्लॉक कर दिया । पंजाब के अमृतसर में किसान मजदूर संघर्ष कमेटी ने रेल रोको आंदोलन के तहत रेलवे ट्रैक पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। फतेहगढ़ साहिब में किसान संगठनों ने रेल रोकी। उधर बिहार के पटना में किसानों के रेल रोको आंदोलन के आह्वान पर जन अधिकार पार्टी (JAP) के कार्यकर्ताओं ने रेल रोकी।

संयुक्त किसान मोर्चा ने कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग के लिए दबाव बनाने को लेकर 18 फरवरी को दोपहर 12 बजे से शाम चार बजे तक ‘रेल रोको’ का आह्वान किया था। प्रदर्शन के तहत पंजाब और हरियाणा में किसान कई जगहों पर ट्रेन की पटरियों के पास एकत्र थे। एहतियात के तौर पर अधिकारियों ने ट्रेनों को स्टेशनों पर रोका

रेल मंत्रालय ने रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) और गवर्नमेंट रेलवे पुलिस (जीआरपी) को हाई अलर्ट पर रखा। वरिष्ठ अधिकारी रेलवे स्टेशनों की जांच कर ऐसी जगहों की पहचान कर रहे हैं, जहां से कुछ गड़बड़ी होने की आशंका सै। हालांकि, किसान नेताओं को चेतावनी दी गई है कि यदि उन्होंने ट्रेनों को रोकने की कोशिश की तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ऐसी भी आशंका है कि प्रदर्शनकारी किसान टिकट लेकर ट्रेनों में चढ़ सकते हैं और फिर स्टेशनों के बाहर ट्रेन रोक सकते हैं। इसे लेकर आरपीएफ के एडिशनल कमांडेंट दिनेश कुमार ने कहा, “प्रदर्शनकारियों को रेलवे पटरियों पर कब्जा करने से रोकने के लिए हमने विशेष इंतजाम किए। सभी रेलवे स्टेशनों पर फोर्स तैनात की गई। हम ट्रेनों की आवाजाही प्रभावित नहीं होने देंगे, जो लोग रुकावट डालने की कोशिश करेंगे उनके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।”

रेल रोको अभियान में हम यात्रियों की सेवा करेंगे: राकेश टिकैत

भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने इस अभियान को लेकर आईएएनएस से कहा कि, “ट्रेन चल ही कहां रही है? एक दो ही ट्रेन चल रही है। हम सरकार से ये भी कहेंगे कि ट्रेन और भी चलवाओ. जनता दुखी हो रही है। सरकार ने इन ट्रेनों को रोका हुआ है बीते 8 महीनों से। जो ट्रेन आएगी उसको रोक कर हम यात्रियों को पानी पिलायेंगे, फूल चढ़ाएंगे और बताएंगे कि क्या क्या समस्याएं हो रही हैं।”

जब ट्रेन रोकी जाएगी तो कहीं ऐसा तो नहीं कि यात्रियों से दुर्व्यवहार किया जाएगा? इस सवाल के जवाब में टिकैत ने कहा, “कौन करेगा दुर्व्यवहार? जो भी करेगा उन पर कार्रवाई की जाएगी. ट्रेन रोको अभियान शांतिपूर्ण होगा. यात्रियों को चने बांटेंगे, दूध और पानी पिलाएंगे। “

बता दें, बीते करीब तीन महीने से कृषि कानून के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर किसान धरना दे रहे हैं। वे केंद्र सरकार की पिछले साल लाए गए तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर फसलों की खरीद की कानूनी गारंटी की मांग कर रहे हैं।

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