पड़ोसी पाक की अकड़ पड़ी ढीली, अब दहशतगर्दी नही बल्कि सूझी ‘शांति की बात’

नई दिल्ली: पिछले कुछ समये से पाकिस्तान लगातार भारत से बांतचीत करने की बात करता आ रहा है। पिछले दो महीने में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान कई बार भारत से शांति की बात कर चुके हैं तो पाकिस्तानी आर्मी के चीफ जनरल कमर बाजवा भी लगातार भारत से पुरानी बातें भूलकर बातचीत करने की वकालत कर चुके हैं। इसी बीच पाकिस्तान हाईकमीशन ने भारत-पाकिस्तान संबंध को लेकर महत्वपूर्ण बात कही है।

बातचीत की पेशकश

पाकिस्तान ने एक बार फिर से भारत के साथ बातचीत की पेशकश की है। पाकिस्तान की तरफ से पिछले दो महीने के दौरान कई बार भारत के सामने बातचीत की बात कही गई है। इस बार पाकिस्तान हाई-कमीशन ने कहा है कि ‘शांति के लिए भारत और पाकिस्तान के बीच सभी समस्याओं का समाधान बातचीत से होना चाहिए। खासकर जम्मू-कश्मीर में 70 सालों से लगातार दोनों देशों के बीच मतभेद चला आ रहा है’। पाकिस्तान हाई कमीशन का बयान ऐसे वक्त में आया है, जब ऐसी खबरें हैं कि भारत और पाकिस्तान के बीच शांति समझौता करवाने की मध्यस्थता संयुक्त अरब अमीरात करवा रहा है।

‘पाकिस्तान चाहता है अच्छे संबंध’

पाकिस्तान हाई कमीशन के आफताब हसन खान ने कहा है कि ‘पाकिस्तान अपने पड़ोंसियों के साथ अच्छे संबंध संबंध कायम करना चाहता है। ऐसे में काफी महत्वपूर्ण हो जाता है कि लड़ाई छोड़कर हम गरीबी हटाने और शिक्षा व्यवस्था मजबूत करने पर ध्यान दें। और ये तभी संभव है, जब दोनों देशों के बीच शांति हो’

गुप्त रास्ते से बातचीत

भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीर से अनुच्छेद 370 खत्म करने के बाद ही सभी रास्तों से बातचीत बंद हैं लेकिन बताया जा रहा है कि भारत और पाकिस्तान के बीच गुप्त बातचीत शुरू हो चुकी है। और उसी बातचीत का पहला नतीजा दोनों देशों का सीजफायर के लिए तैयार होना था। एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक भारत सरकार के उच्च अधिकारी ने नाम ना जाहिर करने की शर्त पर दावा किया है कि भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर असल में पहला ही कदम था, दोनों देशों आगे कई और सरप्राइज दुनिया को देने वाले हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, अधिकारी ने कहा है कि शांति के रास्ते पर दोनों देश द्वारा बढ़ाया गया ये पहला ही कदम है और दोनों पड़ोसियों के बीच शांति की स्थापना हो सकती है। दोनों देश न्यूक्लियर शक्ति हैं और कश्मीर ही दोनों देशों के बीच झगड़े की एकमात्र वजह है।

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