इंडियन इंड्रस्टीज एसोसिएशन (आईआईए) कानपुर चैप्टर की महिला विंग अध्यक्ष वंदना मिश्रा (50) की शुक्रवार को राष्ट्रपति के आगमन की वजह से गोविंदपुरी पुल पर रोके गये ट्रैफिक में 45 मिनट फंसे रहने के बाद मौत हो जाने पर पुलिस कमिश्नर ने माफी मांगी है. वहीं, राष्ट्रपति ने शोक संतप्त परिवार को संदेश भेजा है.

वंदना मिश्रा करीब डेढ़ माह पहले कोरोना संक्रमित हुई थीं. ठीक होने के बाद बीते तीन दिन से उन्हें घबराहट और उल्टी की शिकायत थी. शुक्रवार की सुबह एक बार फिर अस्पताल में दिखाने के बाद शाम तबीयत बिगड़ी, तो परिजन उन्हें अस्पताल ले जाने लगे. गोविंदपुरी पुल पर पुलिस कर्मियों ने लाख विनती करने पर भी उनके लिए रास्ता नहीं खुलवाया.

पुलिस कमिश्नरेट के ट्विटर अकाउंट पर आज शनिवार को कमिश्नर ने लिखा, ”आईआईए की अध्यक्षा बहन वंदना मिश्राजी के निधन के लिए कानपुर नगर पुलिस और व्यक्तिगत रूप से मैं क्षमा प्रार्थी हूं. भविष्य के लिए यह बड़ा सबक है. हम प्रण करते हैं कि हमारी रूट व्यवस्था ऐसी होगी कि न्यूनतम समय के लिए नागरिकों को रोका जाये, ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति ना हो.” वहीं, पुलिस कमिश्नर असीम अरुण सुबह वंदना मिश्रा के घर भी पहुंचे. उन्होंने वंदना मिश्रा के पति शरद मिश्रा से माफी भी मांगी.

जिलाधिकारी आलोक तिवारी भी वंदना के घर पहुंचे. उन्होंने वंदना के पति शरद मिश्रा से कहा कि महामहिम राष्ट्रपति जी ने इस घटना पर खेद व्यक्त किया है और हमें भेजा है. यह भी कहा कि आपकी क्षतिपूर्ति तो नहीं हो सकती. लेकिन, हमारी कोशिश होगी कि ऐसी घटना की पुनरावृत्ति ना हो.

दरोगा समेत चार पुलिसकर्मियों पर गाज

पुलिस कमिश्नर ने शुरुआती जांच के बाद गोविंद नगर थाने में तैनात चार पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया. जिसमें दरोगा सुशील कुमार व तीन हेड कांस्टेबल शामिल हैं. सीपी ने बताया कि शुरुआती जांच में इन पुलिसकर्मियों की लापरवाही व गलती पाई गई है. इसलिए इन पर कार्रवाई की गई है. विभागीय कार्रवाई के लिए जांच एडीसीपी ट्रैफिक निखिल पाठक को सौंपी गई है. जांच पूरी होने के बाद इनको दंडित किया जाएगा.

2-3 मिनट के बजाए रोका था 25 मिनट ट्रैफिक

पुलिस अफसरों ने घटना से जुड़े सीसीटीवी फुटेज जुटाए. जिसमें पता चला कि ये घटना दीप चौराहे से नंदलाल चौराहे के बीच की है. पुलिस कमिश्नर ने बताया कि निर्देश दिए गए थे कि जब वीवीआईपी मूवमेंट होगा तो दो से तीन मिनट के लिए ट्रैफिक रोका जाएगा. मगर जांच में पता चला कि 25 मिनट तक ट्रैफिक रोक दिया गया. इस वजह से जाम लंबा लग गया. इस वजह से मरीज को अस्पताल पहुंचाने में देरी हुई। इसलिए पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की गई है.

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