कुल्लू। आज शीतमरूस्थल जनजातीय जिला लाहुल स्पीति सहित पूरे देशवासियों के लिए ऐतिहासिक दिन है और हम सभी गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। बर्फ की कैद से अब हमेशा-हमेशा के लिए मुक्ति मिल जाएगी और लाहुल स्पीतिवासियों का एक सपना साकार होगा।
पूर्व प्रधानमंत्री एवं भारत रत्न स्व. अटल बिहारी वाजपेयी के घनिष्ठ मित्र स्व. टशी दावा उर्फ अर्जुन गोपाल के बेटे रामदेव कपूर ने आज अटल टनल रोहतांग के उदघाटन समारोह में शामिल होने से पहले केलंग बस स्टैंड से रवाना होते हुए ये उद्गार व्यक्त किया। वह लाहुल-स्पीति के अन्य 13 बुजुर्गों के साथ अटल टनल रोहतांग के उद्घाटन के बाद पहली बस में बैठकर टनल के नॉर्थ पोर्टल से साउथ पोर्टल की ओर सफर पर निकले सभी 14 वरिष्ठ नागरिक पारंपरिक लाहुली वेशभूषा में समारोह में सम्मिलित हुए।
उद्घाटन के बाद कपूर टनल से होकर बस में सफर करने वाले पहले यात्री रहे । यही नहीं, इनके साथ-साथ 13 और यात्री भी बस में सवार हैं, जो वरिष्ठ नागरिक हैं। इनमें कुछ वह वरिष्ठ नागरिक हैं, जिनके परिवार या उनका टनल को धरातल तक पहुंचाने में कुछ न कुछ योगदान रहा है। प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी के मित्र स्व. टशी दावा उर्फ अर्जुन गोपाल के पुत्र रामदेव कपूर जनजातीय जिला लाहुल-स्पीति से संबंध रखते हैं।
इनके साथ ही एक और वरिष्ठ नागरिक अभय चंद राणा भी शामिल हैं, जो रोहतांग टनल खोलने के लिए स्व. टशी दावा और प्रदेश के वरिष्ठ साहित्यकार छेरिंग दोरजे के साथ पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी बाजपेयी से मिलने कई बार गए थे, जिनकी मेहनत और सपना आज साकार हो रहा है।
इस मौके पर बस में सवार सभी 14 बुजुर्गों ने कहा कि लाहुल स्पीति के लोग सदियों से इस टनल का सपना देख रहे थे और आज उनकी जिंदगी का सबसे बड़ा सौभाग्य है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस टनल को जनता को समर्पित करेंगे। इस अवसर पर रामदेव कपूर ने कहा कि अटल टनल का सपना जनजातीय क्षेत्र लाहुल स्पीति, पांगी भरमौर के लोगों ने देखा था जो अब पूरा हो गया है। इस प्रोजेक्ट में उनके पिता स्व. टशी दावा के साथ-साथ छेरिंग दोरजे और अभय राणा सहित अन्य लोगों का बहुत बड़ा योगदान रहा है। आज उनके पिता का सपना साकार हो गया है और अटल टनल बनने से लाहुल-स्पीति के लोगों की सदियों पुरानी दिक्कत का जिंदगीभर के लिए समाधान होगा।
टनल में सफर करने वाले 14 बस यात्री
बस में पहली बार सफर करने के लिए जिला के 15 वरिष्ठ नागरिकों का चयन हुआ था जिनमें से प्रसिद्ध साहित्यकार छेरिंग दोरजे भी हैं। लेकिन उम्र अधिक होने और साथ कोरोना महामारी के कारण वे इस कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए। इसके अलावा 14 बुजुर्ग लोगों में जनजातीय जिला लाहुल स्पीति के क्वारिंग गांव के 85 वर्षीय रिंगजिन अंगदूर पुत्र छेरिंग पलजोर, गुमरंग गांव के 71 वर्षीय तेंजिंन दोरजे सफर कर रहे हैं। गोहरमा निवासी देवी चंद पुत्र अर्जुन, कारदंग निवासी नोरबू राम पुत्र डोंबा छेरिंग, रावलिंग निवासी रमेश कुमार पुत्र पंचोग अंगरूप, बिलिंग निवासी पमा राम पुत्र गोंबो, कारपत निवासी टशी फुंचोग पुत्र चरण दास, पुराद निवासी रामलाल पुत्र कर्म चंद, उदगोजे निवासी दोरजे राम पुत्र पदम रिंगजिंन, मडग्रां निवासी प्रेम लाल पुत्र मान सिंह, ठोलंग निवासी रामदेव कपूर पुत्र टशी दावा, तिंदी निवासी भीम चंद पुत्र नारायण दास, गोशाल निवासी अभय चंद पुत्र सोना राम, हिनसा निवासी रामकृष्ण पुत्र परम दास, खिनांग निवासी गोविंद पुत्र टशी दोरजे शामिल हैं।