कानपुर चिड़ियाघर में बर्ड फ्लू की तस्दीक हो गई है। बुधवार को चार पक्षियों की मौत के बाद भेजे गए सैंपल में बर्ड फ्लू संक्रमण पाया गया है। भोपाल की लैब से रिपोर्ट मिलने के बाद हड़कंप मच गया है। अगले आदेश तक चिड़ियाघर सील कर दिया गया है। देर रात डीएम की आपात बैठक में हाई अलर्ट घोषित किया गया है। चिड़ियाघर के बाड़ों में रखे गए सभी 932 पक्षियों की जिंदगी दांव पर है। खतरे को देखते हुए इन्हें मारने का आदेश दिया जा सकता है। उत्तर प्रदेश में कानपुर पहला शहर है, जहां बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई है।
मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. आरपी मिश्र ने बताया कि भोपाल के राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशु रोग संस्थान की लैब ने कानपुर चिड़ियाघर में मरे पक्षियों में बर्ड फ्लू की पुष्टि की है। इसके मद्देनजर वहां के सभी पक्षियों को मारने की विवशता हो सकती है। फिलहाल चिड़ियाघर में कोई भी बाहरी नहीं जाएगा। स्टाफ भी पूरा एहतियात बरतेगा। आसपास रहने वाले लोगों को सावधनी बरतने की सलाह दी गई है।
ऐसे हुई संक्रमण की शुरुआत
चिड़ियाघर में बुधवार को दो जंगली मुर्गों समेत चार पक्षियों की मौत हो गई थी। सैंपल भोपाल रिसर्च सेंटर भेजे गए थे। अगले ही दिन एहतियातन चिड़ियाघर में बीमारी के लक्षण वाले छह रेड जंगल फाउल मुर्गे (जंगली मुर्गे) मार दिए गए। पक्षी बाड़े भी दर्शकों के लिए बंद कर दिए गए थे।
डायरेक्टर सुनील चौधरी ने डॉक्टरों की आपात बैठक बुलाकर बचाव की तैयारियों शुरू करा दी थीं। शनिवार को बर्ड फ्लू की पुष्टि के बाद डीएम आलोक तिवारी ने आपात बैठक बुला ली। इसमें मुख्य पशु चिकित्साधिकारी, सीएमओ और चिड़ियाघर के अधिकारी भी थे।
सभी अस्पतालों को अलर्ट किया गया है। मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग और सेनेटाइजेशन जरूरी है। बर्ड फ्लू कोरोना जैसा घातक संक्रमण है। इसकी मृत्यु दर भी अधिक है। कोविड गाइड लाइन का पालन करें और पक्षियों से दूर रहें।
रेड जंगल फाउल की प्रजाति नष्ट
चिड़ियाघर में रेड जंगल फाउल (जंगली मुर्गें) का पूरा कुनबा नष्ट हो गया है। इस प्रजाति के आठ मुर्गे थे। इनमें से दो की बुधवार को मौत हो गई। बाकी बचे छह गुरुवार को मार दिए गए।
यह पक्षी हैं बाड़ों में
चिड़ियाघर के सहायक निदेशक अरविन्द सिंह ने बताया कि जू के 7 बाड़ों में 935 पक्षी है। इसमें चार प्रजातियों के 301 तोते, तीन मकाऊ तोते, 110 बत्तख, चार पटियाला पाउल, 22 पिनटेल, बर्ड एवरी में लगभग 255 पक्षी है।