वाराणसी। महादेव की काशी पहचान दुनिया भर में कला, संस्कृति और अपनी सभ्यताओं के लिए प्रसिद्ध है। काशी की ओर यहां पर्यटक खिंचे चले आते हैं, यहां की यादों के तौर पर काशी से जुड़ी सामग्रियों की खरीदारी करते हैं। अब पर्यटकों को यहां आकर भटकना नहीं होगा। पर्यटकों को बनारसी खानपान से लेकर यहां की कला, संस्कृति और पूजापाठ से जुड़ी प्रत्येक चीज आगामी दिनों में एक ही छत के नीचे उपलब्ध मिलेगी। दशाश्वमेध घाट के दाएं तरफ वर्षों से खाली पड़ी जमीन को तीन मंजिला व्यावसायिक केंद्र विकसित किया जा रहा है। वाराणसी विकास प्राधिकरण की देखरेख में 28.54 करोड़ रुपए से स्मार्ट सिटी कंपनी के सहयोग से यह प्रोजेक्ट मूर्त रूप लेगा।

दशाश्वमेध घाट का पर्यटन और आध्यात्म के दृष्टिकोण से एक अलग महत्व है। बाबा विश्वनाथ का दर्शन-पूजन करने के लिए आने वाले श्रद्धालु दशाश्वमेध घाट पर गंगा स्नान करके उनके दरबार जाते हैं। रोजाना यहां गंगा आरती भी होती है। वहीं, गंगा में नौकायन और घाटों पर भ्रमण के लिए आने वाले सैलानी भी सबसे ज्यादा दशाश्वमेध घाट ही आते हैं। इसी वजह से दशाश्वमेध घाट के समीप बहुमंजिला व्यावसायिक केंद्र बनाने का निर्णय लिया गया है।

इस साल तक पूरी होगी परियोजना

वीडीए की उपाध्यक्ष ईशा दुहन के अनुसार 3 मंजिला व्यावसायिक केंद्र का निर्माण कार्य 3082.04 वर्ग मीटर जमीन में कराया जा रहा है। लोअर ग्राउंड फ्लोर 991.14 वर्ग मीटर, अपर ग्राउंड फ्लोर 922.96 वर्ग मीटर और प्रथम तल का क्षेत्रफल 922.96 वर्ग मीटर है। यह परियोजना स्मार्ट सिटी कंपनी की मदद से मूर्त रूप लेगी। दिसंबर 2021 तक प्रोजेक्टर को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।

रोजगार भी मिलेगा

व्यावसायिक कांप्लेक्स में 200 लोगों को दुकान मिलेगी और कई लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे। दशाश्वमेध घाट पुनर्विकास परियोजना में विस्थापित दुकानदारों को इस कांप्लेक्स में समायोजित किया जाएगा। लोअर ग्राउंड फ्लोर पर 68 और अपर ग्राउंड फ्लोर पर 42 दुकानें फूड कोर्ट के लिए आरक्षित रहेंगी। बेसमेंट में 72 दुकानों की जगह बनाने के साथ अन्य प्रयोजनों के लिए स्थान आरक्षित किया गया है। बनारस की पूड़ी-कचौड़ी, जलेबी, ठंडई, लस्सी, मलइयो और बनारसी पान एक ही जगह मिलेगी। इसके अलावा बनारसी साड़ी, बनारस का हैंडीक्राफ्ट जैसे लकड़ी का खिलौना, गुलाबी मीनाकारी, जरदोजी जैसी सामग्रियां भी यहां मिलेंगी। पूजापाठ की सामग्रियों की दुकानें भी कांप्लेक्स में रहेंगी। कांप्लेक्स में सीढ़ियों के साथ ही बुज़ुर्गों और दिव्यांगों की सुविधा के लिए लिफ्ट और ऐस्केलेटर भी उपलब्ध रहेगा। सर्फेस डेवलपमेंट के तहत भूतल पर पर्यटकों के आराम से बैठने के लिए स्टोन फ्लोरिंग और पाथवे भी बनाया जाएगा। पर्यावरण संरक्षण के लिहाज से हरियाली और रेन वाटर हार्वेस्टिंग की भी व्यवस्था की जाएगी।

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