कोरोनावायरस ने दुनिया के अधिकतर देशों में लॉकडाउन कर रख है। जान तो बचाने की कवायद खूब हुई, लेकिन जहान का क्या होगा, उद्योग-धंधे नहीं होंगे तो अर्थ का पहिया जंग खा जायेगा। इस लॉकडाउन ( lock down)का मामला बिल्कुल रस्सी पर चलने जैसा है। खड़े रहेंगे तो भी गिर पड़ेंगे और यदि ज्यादा तेज चलने की कोशिश की तो आपका गिरना तय है।

पश्चिम के कई देशों की हालत फिलहाल ऐसी ही है। एक तरफ ज्यादा समय तक लॉकडाउन रहने से अर्थव्यवस्था तबाह होने का खतरा है तो दूसरी तरफ एकदम से लॉकडाउन हटाने पर संक्रमण फैलने का। रा यू कहिए सांप-छुछुन्द’र वाली गति हो चुकी है।

ऐसे में कई देश धीरे-धीरे एक-एक कदम बढ़ाकर लॉकडाउन खत्म कर रहे हैं।

इस स्थिति में दूसरे देशों को यह जरूर देखना चाहिए कि ऐसा करने वाले देशों से क्या-क्या सीखा जा सकता है? लॉकडाउन हटाने वाले देशों में ईरान, चेक रिपब्लिक, ऑस्ट्रिया (austria ), डेनमार्क और नार्वे (norway )शामिल हैं। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ( oxford univesity) से हेल्थ एक्सपर्ट डॉ. पीटर ड्रोबैक के मुताबिक, इन देशों से लॉकडाउन हटाना कई देशों के लिए उदाहरण बन सकता है।

लेकिन राहत देने से खतरा बढ़ सकता है

हालांकि, वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन के यूरोप के रीजनल डायरेक्टर डॉ. हेंज क्लूज ने कहा कि लॉकडाउन में राहत देने से खतरा बढ़ सकता है। दुनिया के 10 सबसे ज्यादा प्रभावित देशों में 7 यूरोप (europe ) के ही हैं। इसके साथ ही लैंसेट जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन में बताया गया है कि जब तक इसकी वैक्सीन (vaccine )नहीं बन जाती है। तब तक कहीं भी लॉकडाउन पूरी तरह से नहीं हटाना चाहिए।

विशेषज्ञों का मानना है कि लॉकडाउन धीरे-धीरे उठाना चाहिए, लेकिन इसके लिए पहले तीन बातें सुनिश्चित कर लेनी चाहिए। पहली यह है कि संक्रमण के मामलों मे कमी होनी चाहिए। दूसरी यह है कि यहां का हेल्थ केयर सिस्टम ( health care system) सही होना चाहिए और तीसरी यह कि यहां पर बड़ी मात्रा में टेस्टिंग और ट्रेसिंग होनी चाहिए।

डेनमार्क में 15 अप्रैल से स्कूल खोलने की तैयारी है, लेकिन यहां अभी कड़े प्रतिबंध लागू रहेंगे। 10 मई तक 10 से ज्यादा लोगों के एक जगह पर इकट्‌ठा होने पर रोक रहेगी। इसके साथ ही सभी चर्च, सिनेमाघर और शॉपिंग सेंटर( shopping centre) भी बंद रहेंगे। अगस्त तक सभी त्योहार और बड़े समारोह बंद रहेंगे। प्रधानमंत्री मेट फ्रेडरिकसन ने कहा कि डेनमार्क (denmark )की सीमाएं भी सील रहेंगी। 58 लाख की आबादी वाला डेनमार्क पहला यूरोपीय देश है जिसने 13 मार्च को अपनी सीमाएं सील की थीं। यहां अब तक संक्रमण के 5,996 मामले आए हैं और 260 लोगों की मौत हो चुकी है।

चेक रिपब्लिक ने 12 मार्च को यात्रा पर प्रतिबंध, बड़े समारोह और गैर-आवश्यक व्यवसायों को बंद कर दिया था। अब सरकार ने कहा है कि इस हफ्ते से कई प्रतिबंधों में ढील दी जाएगी। मंगलवार से लोगों को मास्क लगाकर अकेले एक्सरसाइज करने की अनुमति मिल जाएगी। एक जगह पर दो लोगों के इकट्‌ठा होने पर रोक रहेगी। हार्डवेयर स्टोर, रिपेयरिंग सेंटर जैसी दुकानें भी गुरुवार से फिर से खुल जाएंगी। इसके साथ ही एथलीटों को प्रैक्टिस करने की भी अनुमति दी जाएगी।

ऑस्ट्रिया में ईस्टर (easter ) के बाद से छोटी दुकानों को खोलने की अनुमति दे दी गई है। यहां भी सबसे पहले हार्डवेयर और रिपेयरिंग सेंटर खोलने की अनुमति दी गई है। यहां एक मई से सभी दुकानें, शॉपिंग सेंटर, हेयरड्रेसर की दुकानें खुल जाएंगी। मई के मध्य से सभी रेस्टोरेंट और होटल भी खुल जाएंगे। इसके साथ ही यहां यह चेतावनी भी जारी की गई है कि कोरोनावायरस का खतरा अभी टला नहीं है।

बताया गया कि सिंगापुर ( singapore) में कोरोनावायरस का दूसरा अटैक हुआ है, इसलिए यह सोचना कि ‘खतरा टल गया है’ गलत है। यहां 5,831 लोग अब तक संक्रमित हो चुके हैं। साथ ही 123 लोगों की मौत भी हो चुकी है। अब तक यहां संक्रमितों की संख्या 13,789 है। 337 लोगों ने इस वायरस से अपनी जान भी गंवाई है।

नॉर्वे ने लॉकडाउन खोलने में एक अलग पैटर्न अपनाया है। यहां सबसे पहले किंडरगार्टन खुलेंगे। प्रधानमंत्री एर्ना सोलबर्ग ने कहा जब किंडरगार्टन(kindergarten ) खुलने के एक सप्ताह बाद, क्लास एक से चार तक विद्यार्थियों के लिए स्कूल खोले जाएंगे। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘हम चाह रहे हैं कि किसी तरह सभी बच्चे गर्मी से पहले स्कूलों में आ जाएं। हमें धीरे-धीरे कदम बढ़ाने होंगे।’’ यहां मई तक अन्य संस्थानों को खोलने की अनुमति मिलेगी। यहां सक्रमण के 6,360 मामले आए हैं और 114 लोगों की मौत हो चुकी है।

जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल ने कहा कि देश में कैसे और कब लॉकडाउन हटाना है? ये एक साइंटिफिक रिपोर्ट के आधार पर होगा, जो अगले हफ्ते पब्लिश (publish )होगी। स्वास्थ्य मंत्री जेन्स स्पान ने बताया कि जर्मनी में रोज एक लाख टेस्ट किए जा रहे हैं। यहां 40 प्रतिशत आईसीयू बेड खाली हो चुके हैं। यहां पर संक्रमण के मामलों में कमी आ रही है। लेकिन, स्थिति पूरी तरह से सामान्य होने में अभी बहुत समय लगेगा। जर्मनी में अब तक 1,22,855 लोग संक्रमित हो चुके हैं और 2,736 लोगों की मौत हो चुकी है।

स्विट्डरलैंड में भी लॉकडाउन से बाहर निकलने पर विचार हो रहा है। यहां 26 अप्रैल तक सोशल डिस्टेसिंग का कड़ाई से पालन करने का आदेश दिया गया है। सरकार ने संकेत दिया है कि इस महीने के आखिर तक कई प्रतिबंधों में ढील दी जाएगी। स्कूल और सीमाएं खोल दी जाएंगीं।
ईरान में शनिवार से राजधानी को छोड़कर देश में छोटे बिजनेस को खोलने की अनुमति दे दी। यहां सरकारी कार्यालयों में काम करने वाले दो तिहाई कर्मचारी लौट आए हैं। यहां अब तक संक्रमण के 70,029 मामले सामने आए हैं। इसके साथ ही 4357 लोगों की मौत हो चुकी है।

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