मंत्री ने कहा कि क्षेत्र के समग्र विकास और धनराशि के पूर्ण उपयोग के लिए सभी अधिकारी संयुक्त रूप से एक कार्य योजना पर काम करें
कृषि, रोजगार सृजन, कौशल विकास, कनेक्टिविटी व अवसंरचना, स्वास्थ्य व शिक्षा सहित सामाजिक सेवाओं और बुनियादी ढांचे के विकास के साथ-साथ एनईआर में पर्यटन विकास जैसे प्रमुख क्षेत्रों पर ध्यान देने की जरूरत है
मंत्री ने एक ऐसे वैज्ञानिक अंतराल विश्लेषण किए जाने की आवश्यकता पर जोर दिया, जहां लक्षित कार्रवाई के लिए मजबूती और कमजोरियों की पहचान करने की जरूरत है
अगले वित्तीय वर्ष के लिए एजेंडा यह सुनिश्चित करना होगा कि 10 फीसदी जीबीएस के तहत धनराशि का पूरी तरह से उपयोग किया जाए, परियोजनाओं को जल्दी से लागू किया जाए और इन्हें उत्तर पूर्वी क्षेत्र की जमीनी वास्तविकताओं के अनुरूप बनाया जाए
मंत्री ने उत्तर पूर्वी क्षेत्र की अत्यधिक प्रतिभाशाली और सक्षम महिलाओं की भी सराहना की और उन्होंने कहा कि क्षेत्र के समग्र विकास के लिए उनकी क्षमता का उपयोग किया जाना चाहिए
उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्रालय, पर्यटन और संस्कृति विकास मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी ने आज भारत सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों और 8 उत्तर पूर्वी क्षेत्र की राज्य सरकारों के साथ एक संवाद सत्र की अध्यक्षता की।
इसमें मंत्री ने वरिष्ठ अधिकारियों से उत्तर पूर्वी क्षेत्र के विकास से संबंधित महत्वपूर्ण विषयों पर सामूहिक रूप से विचार-विमर्श करने और विकास की गति में तेजी लाने के लिए इस संवाद सत्र का लाभ उठाने का आह्वान किया।
इस अवसर पर मंत्री ने सभा को संबोधित किया। अपने संबोधन में उन्होंने केंद्र सरकार के मंत्रालयों और राज्य सरकारों के बीच अधिक समन्वय का आह्वान किया। श्री रेड्डी ने आगे आश्वासन दिया कि उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्रालय बतौर समन्वयक की अपनी भूमिका पर ध्यान केंद्रित करेगा और यह सुनिश्चित करेगा कि तंत्र से संबंधित मुद्दों के कारण विकास की प्रक्रिया बाधित न हो। मंत्री ने आगे बताया कि उन्होंने भारत सरकार के कई मंत्रालयों व राज्य सरकारों के साथ कई संयुक्त समीक्षाएं की हैं। साथ ही, आने वाले दिनों में इसे और अधिक आयोजित करने की योजना है।
इसके अलावा श्री रेड्डी ने कहा कि कृषि, रोजगार सृजन, कौशल विकास, कनेक्टिविटी व बुनियादी ढांचे, स्वास्थ्य व शिक्षा सहित सामाजिक सेवाओं और पर्यटन विकास जैसे कुछ प्रमुख क्षेत्रों पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है।
मंत्री ने आगे इस पर जोर दिया कि अगले वित्तीय वर्ष के लिए उनका एजेंडा यह सुनिश्चित करना होगा कि 10 फीसदी जीबीएस के तहत धनराशि का पूरी तरह से और अधिक उपयोगी रूप से इस्तेमाल किया जाए, परियोजनाओं को बिना किसी देरी के जल्द से लागू किए जाएं और ये उत्तर पूर्वी क्षेत्र की जमीनी वास्तविकताओं से जुड़ी हुई हों।
मंत्री ने कहा कि नवगठित “कृषि कार्य बल” से इस क्षेत्र के लोगों को धनराशि का अधिकतम उपयोग और लाभ सुनिश्चित करने में सहायता मिलेगी। उन्होंने आगे अनुरोध किया कि इसकी सफलता के लिए सभी राज्य सरकारों के बीच समन्वय और सहयोग महत्वपूर्ण होगा।
मंत्री ने इस बात पर भी जोर दिया कि एक वैज्ञानिक अंतराल विश्लेषण करने की आवश्यकता है, जहां लक्षित कार्रवाई के लिए मजबूती व कमजोरियों की पहचान करने की जरूरत है।
उन्होंने आगे कहा कि राज्यों और केंद्रीय मंत्रालयों को बुनियादी ढांचे के विकास पर निरंतर ध्यान देने के साथ-साथ सामाजिक विकास व रोजगार सृजन पर समान रूप से ध्यान केंद्रित करना चाहिए। मंत्री ने कहा कि यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण होगा कि विकास सुदूर क्षेत्र तक पहुंचे और बेहतर जीवन स्तर व सामाजिक उत्थान के रूप में यह सामने आए।
मंत्री ने सभी अधिकारियों से क्षेत्र के समग्र विकास और धनराशि के पूर्ण उपयोग के लिए एक कार्य योजना पर संयुक्त रूप से काम करने का आह्वान किया। इसके अलावा उन्होंने उत्तर पूर्वी क्षेत्र की प्रतिभाशाली और सक्षम महिलाओं की सराहना की। श्री रेड्डी ने आगे कहा कि क्षेत्र के समग्र विकास के लिए उनकी क्षमता का उपयोग किया जाना चाहिए। मंत्री ने आगे बताया कि इस सम्मेलन से निर्मित गति को आगे बढ़ाने के लिए दिल्ली में सभी केंद्रीय और राज्य के हितधारकों के साथ जल्द ही 2 दिवसीय कार्यशाला आयोजित की जाएगी।