शरीर को स्वस्थ रखने के लिए सही खानपान जरूरी है। खाने में नमक कितना हो, यह भी हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत मायने रखता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक हर साल खराब खाने की वजह से अनुमानित 1.10 करोड़ लोगों की मौत हो जाती है। इनमें से करीब 30 लाख लोग ज्यादा सोडियम लेने की वजह से मारे जाते हैं। सोडियम, शरीर में पानी की मात्रा कंट्रोल करनेवाला एक खनिज पदार्थ है, जो नमक में पाया जाता है।

नमक का केमिकल नाम तो आपको पता ही होगा- सोडियम क्लोराइड। इसे रासायनिक फॉर्मूले के तौर पर एनएसीएल कहते हैं। बहरहाल आपको बता दें कि ज्यादा सोडियम हमारे शरीर के लिए जानलेवा भी हो सकता है! जर्मन वेबसाइट डॉयचे वेले की रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया में हर साल गैर-संक्रामक बीमारियों से जितने लोगों की मौतें होती हैं, उनमें सबसे ज्यादा (32 फीसदी) लोग हृदय-संबंधी बीमारियों से मरते हैं। ज्यादा सोडियम मोटापा, गुर्दों की बीमारी और गैस्ट्रिक कैंसर का कारण बन सकता है।

नए मानक क्या हैं?

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने खाने-पीने की चीजों की 64 श्रेणियों के लिए नए मानक बनाए हैं। इनका उद्देश्य 194 सदस्य देशों की खाद्य कंपनियों से इसको लेकर बातचीत करने में सहायता करना है। जैसे कि उदाहरण के तौर पर आलू के प्रति 100 ग्राम चिप्स में अधिकतम 500 मिलीग्राम सोडियम होना चाहिए। उसी तरह पेस्ट्रिज वगैरह में 120 मिलीग्राम सोडियम और प्रोसेस्ड मांस में ज्यादा से ज्यादा 360 मिलीग्राम सोडियम होना चाहिए।

हमें रोज कितना नमक खाना चाहिए?

विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, एक दिन में 5 ग्राम से भी कम नमक हमारे लिए पर्याप्त है। यानी कि हमें हर दिन करीब दो ग्राम से भी कम सोडियम लेना चाहिए। वर्ष 2013 में ही विश्व स्वास्थ्य संगठन ने ग्लोबल लक्ष्य निर्धारित किया था कि वर्ष 2025 तक लोगों में नमक के सेवन के औसत स्तर को 30 फीसदी तक कम देना है। 2021 चल रहा है और इस समय दुनिया इस लक्ष्य को हासिल करने की राह पर तो नहीं ही दिख रही है।

पहले अमीर देशों में सोडियम की ज्यादा मात्रा वाले ब्रेड, अनाज, प्रोसेस्ड मांस और डेयरी उत्पादों जैसे विनिर्मित या मैन्युफैक्चर्ड खाद्य पदार्थों का चलन था, लेकिन अब कम आय वाले देशों में भी इसका चलन बढ़ रहा है।

तो फिर उपाय क्या हैं?

विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक टेड्रोस एडहेनोम गेब्रयेसुस का कहना है कि सभी देशों की सरकारों को इस दिशा में नीतियां बनानी चाहिए, ताकि खाने में नमक की मात्रा कम की जा सके। लोगों को इस बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी दी जाए, ताकि लोग अपने खानपान को संतुलित कर सकें। संतुलित भोजन से मतबल ही यही है कि शरीर को जो भी चीजें चाहिए, वह संतुलित मात्रा में मिले। उन्होंने यह भी कहा की खाने-पीने की चीजें बनाने वाली कंपनियों को भी प्रोसेस्ड चीजों में सोडियम का स्तर कम करने की जरूरत है।

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