केंद्र से रस्साकशी के बाद बंगाल के मुख्य सचिव के रिटायरमेंट लेने के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 1988 बैच के पश्चिम बंगाल के अपर मुख्य सचिव रहे एचके द्विवेदी को बंगाल का नया मुख्य सचिव बनाया है। नए मुख्य सचिव मूलत उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले के शाहबाद तहसील के कुंवर वसीठ गांव के रहने वाले हैं।

केंद्र सरकार से टकराव के बीच बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने अपने मुख्य सचिव अलापन बंद्योपाध्याय को रिटायरमेंट दे दिया है और उन्हें अपना मुख्य सलाहकार बना लिया है। इस कदम से उन्होंने एक तरफ अलापन को दिल्ली जाने से रोक लिया तो वहीं अपनी टीम में भी सलाहकार के तौर पर बनाए रखा है। यही नहीं उनकी जगह पर ममता बनर्जी ने 1988 बैच के आईएएस अधिकारी हरिकृष्ण द्विवेदी को मुख्य सचिव बना दिया है। अब तक द्विवेदी बंगाल के होम सेक्रेटरी के तौर पर काम कर रहे थे। दरअसल बंगाल सरकार के अनुरोध पर केंद्र ने अलापन के कार्यकाल को तीन महीने के लिए बढ़ाने की मंजूरी 24 मई को दी थी। इसके बाद 28 मई को उनका दिल्ली ट्रांसफर कर दिया गया था, लेकिन अलापन ने रिटायरमेंट का ही फैसला लिया, जिसकी तारीख 31 मई थी।

बंगाल सरकार के गृह विभाग के सचिव रहे द्विवेदी 1988 बैच के बंगाल काडर के ही आईएएस अधिकारी हैं। उनके पास राज्य के संसदीय विभाग, योजना और सांख्यिकी भी थे। राज्य में अहम पदों पर काम के साथ ही ममता बनर्जी के साथ भी उनका लंबा प्रशासनिक अनुभव है। इससे पहले वह बंगाल के वित्त मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव के तौर पर भी काम कर चुके हैं। उनकी जगह पर बीपी गोपालिका को राज्य का होम सेक्रेटरी बनाया गया है। 2012 के बाद से ही हरिकृष्ण द्विवेदी पश्चिम बंगाल के विद्युत निगम के सदस्य हैं। इस तरह से देखें तो बंगाल की नौकरशाही के लिए हरिकृष्ण द्विवेदी कोई नया नाम नहीं हैं। लंबे अरसे से वह राज्य में होम सेक्रेटरी से लेकर कई अहम पदों पर रहे हैं।

द्विवेदी से एक साल ही सीनियर थे अलापन बंद्योपाध्याय

नए मुख्य सचिव बने हरिकृष्ण द्विवेदी के पास भी नौकरशाही का लंबा अनुभव है। अलापन बंद्योपाध्याय 1987 बैच के अधिकारी थे, जबकि द्विवेदी 1988 बैच के हैं। यही नहीं दोनों ही पश्चिम बंगाल काडर के अधिकारी रहे हैं। 60 साल की उम्र होने के चलते अलापन सोमवार को ही रिटायर होने वाले थे, लेकिन केंद्र सरकार की ओर से उनके तीन महीने के कार्यकाल विस्तार को मंजूरी मिल गई थी। विवाद उस वक्त बढ़ा, जब केंद्र सरकार ने 28 मई को उनका ट्रांसफर दिल्ली कर दिया। इस पर ममता बनर्जी ने ऐतराज जताया और उन्हें रिलीव करने से ही इनकार कर दिया। इसके बाद अलापन ने एक्सटेंशन न लेते हुए सोमवार को ही रिटायरमेंट ले लिया।

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