वाराणसी। पिछले कई दिनों से तापमान बढ़ने से लोगों को गर्मी का सामना करना पड़ रहा था। मंगलवार सुबह मौसम में अचानक बदलाव आ गया। तेज आंधी के बाद बारिश होने से लोगों को गर्मी से थोड़ी राहत तो मिली, पर परेशानी भी बढ़ गई। आंधी के कारण बनारस के कई इलाकों में कई पेड़ गिर गए। साथ ही बिजली भी गुल हो गई। इस कारण को परेशानी भी हुई।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, सूरज की तपिश ने लोगों की परेशानी बढ़ा दी थी। गर्मी के कारण दिन में लोगों को अधिक परेशानी हो रही थी। पिछले कुछ दिनों से आसमान में बादल तो छा रहे थे, लेकिन बारिश नहीं हो रही थी। राहत के लिए लोग बारिश का इंतजार कर रहे थे। मंगलवार की सुबह लोगों की इच्छा पूरी हो गई। करीब आधे घंटे झमाझम बारिश के बाद मंगलवार को कई इलाकों में जलजमाव हो गया। जलजमाव तो एक से डेढ़ घंटे में निकल गया लेकिन बारिश से ठीक पहले आंधी में दर्जनों पेड़ गिरने से बड़ा हादसा टल गया। दुर्गांकुंड मंदिर परिसर में झोपड़ी पर दो यूकलिप्टस के पेड़ गिरने से एक महिला के हाथ में फ्रैक्चर हो गया। घर में मौजूद दो बच्चे बाल-बाल बच गये। घायल महिला संगीता का अस्पताल में उपचार कराया गया।

इंग्लिशिया लाइन, नीचीबाग, संत रघुवर नगर में भी पीपल, पाकड़, नीम समेत अन्य पेड़ों के गिरे। संत रघुवर नगर में नोंदरा माता मंदिर के पास पीपल का बड़े धराशायी हो गया। इससे घंटों मार्ग बाधित रहा। रोहित नगर में भी हरा पेड़ सड़क पर गिर गया। जिससे आवागमन में बाधा आई। हालांकि किसी को चोट नहीं लगी। स्थानीय निवासियों की शिकायत के बाद भी देर रात तक नगर निगम की ओर से पेड़ नहीं हटाया गया।

जलजमाव और कीचड़ से परेशानी

जलजमाव के कारण दोपहर दो बजे तक ‌विभिन्न इलाकों में यातायात बाधित रहा। एक जून से नये दिशानिर्देशों के अनुसार पहले से ज्यादा दुकानें भी खुली थीं। जिससे भीड़भाड़ ज्यादा थी। रवींद्रपुरी में दो घंटे तक पानी लगा रहा। नई सड़क, औरंगाबाद, शिवपुर, पियरी, सरैया, छोहरा, बंधुकच्चीबाग, औसानगंज, रानीपुर, विनायका, तुलसीपुर, कोदई चौकी, कतुआपुरा, कज्जाकपुरा, खोजवां आदि इलाकों में जलजमाव रहा। अंधरापुल पर चार घंटे तक जलजमाव से वाहनचालकों की मुसीबत बढ़ गई। पुल के नीचे से गुजरते समय दो पहिया वाहन आधे से ज्यादा डूब गये जिससे वाहनों को धक्के मारकर ले जाना पड़ा। यहां घुटनों तक पानी लगा रहा जिससे पैदल चलने वाले लोगों को खासी दिक्कत हुई। दो पहिया वाहनों पर सामन लादकर ले जाने वाले लोगों को खुद उतरना पड़ा या किसी अन्य से मदद लेनी पड़ी। वहीं गलियों में कीचड़ से राहगीर परेशान हुए।

पेड़ों के किनारे एक मीटर का घेरा नहीं

क्रांति फाउंडेशन के अध्यक्ष राहुल कुमार सिंह ने कहा कि थोड़ी देर की आंधी में बड़े-बड़े पेड़ जिस तरह से गिर रहे हैं उससे साफ है कि मानक के अनुसार काम नहीं हो रहा है। पेड़ों के किनारे एक मीटर का घेरा नहीं छोड़ा जा रहा है। इंटरलॉकिंग टाइल्स बनाने के दौरान पेड़ों का थाला भी नहीं बन रहा और पेड़ के चारों ओर टाइल्स बिछा दी जा रही है। जिससे पेड़ों को अपनी जमीन पकड़ने में दिक्कत हो रही है और वे कमजोर हो रहे हैं।

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