बेंगलुरु। कर्नाटक में गौ हत्या के खिलाफ अब कानून बन गया है। राज्यपाल वाजुभाई आर वाला ने सोमवार को बिल को मंजूरी दे दी। कानून में गाय की तस्करी, अवैध ढुलाई, अत्याचार और गो हत्या में लिप्त पाए जाने वाले व्यक्ति के खिलाफ सख्त कार्रवाई के प्रावधान हैं। यह बिल पिछले दिसंबर को कर्नाटक विधानसभा में भारी हंगामे के बीच पारित हुआ था। इसके विरोध में कांग्रेस के विधायक सदन की कार्यवाही से चले गए थे। ‘कर्नाटक मवेशी वध रोकथाम और संरक्षण विधेयक-2020’ के तहत कर्नाटक में गो हत्या पर पूर्ण रोक का प्रावधान है। यह कानून 13 साल से कम उम्र की भैंसों को मारे जाने से भी रोकेगा।
गाय और बछड़ों के अलावा विधेयक में भैंस और उनके बछड़ों के संरक्षण का भी प्रावधान है। आरोपी व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई के लिए विशेष अदालत गठित करने का भी प्रावधान है। वहीं, विधेयक में गौशाला स्थापित करने का भी प्रावधान किया गया है। साथ ही पुलिस को जांच करने संबंधी शक्ति प्रदान की गई है।
कर्नाटक विधानसभा के सदन में राज्य के पशुपालन मंत्री प्रभु चव्हाण ने विधेयक को पेश किया था। इसके बाद, विपक्ष के नेता सिद्धरमैया के नेतृत्व में कांग्रेस के विधायकों ने जमकर विरोध किया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि विधेयक को पेश करने के संबंध में कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में चर्चा नहीं की गई। सिद्धरमैया ने कहा था, ”हमने इस बारे में चर्चा की थी कि नए विधेयक पेश नहीं किए जाएंगे। हम इस बात को लेकर सहमत हुए थे कि केवल अध्यादेश पारित किए जाएंगे। अब, उन्होंने (प्रभु चव्हाण) अचानक यह गो हत्या रोधी विधेयक पेश कर दिया।”
इस कानून में कम से कम तीन साल की जेल का प्रावधान रखा गया है और वहीं, दोषी पाए जाने पर सात साल तक की जेल की सजा सुनाई जा सकती है। वहीं, 50 हजार से लेकर 10 लाख रुपये तक के जुर्माने का भी प्रावधान है।