पेगासस फोन जासूसी विवाद और कृषि सुधार कानूनों के खिलाफ संसद में चल रहा विपक्ष का हंगामा अब घमासान में तब्दील हो गया है। राज्यसभा में गुरुवार को तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सदस्यों ने तो संसदीय परंपरा की सीमा लांघते हुए सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव के हाथों से सदन में कागज छीनकर उसे फाड़ दिया और आसन की ओर उछाल दिया। माना जा रहा है कि इस अशोभनीय कृत्य के लिए टीएमसी सदस्य शांतनु सेन को एक हफ्ते के लिए निलंबित किया जा सकता है।

राज्यसभा में तृणमूल सदस्यों का यह आक्रामक व्यवहार तब सामने आया जब दोपहर दो बजे सदन की बैठक शुरू हुई। कांग्रेस समेत दूसरे विपक्षी दलों के सदस्य कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग करते हुए वेल में आकर हंगामा कर रहे थे और तृणमूल कांग्रेस के सदस्य पेगासस फोन जासूसी कांड पर सरकार के खिलाफ नारेबाजी में जुटे थे। इस बीच उपसभापति हरिवंश ने सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव को पेगासस मामले में बयान देने की अनुमति दे दी। वैष्णव ने बयान पढ़ना अभी शुरू ही किया था कि टीएमसी सदस्य शांतनु सेन ने अचानक उनकी सीट के पास जाकर उनके हाथों से कागज छीन लिया और उसे फाड़कर आसन की ओर उछाल दिया।

टीएमसी सदस्य के इस आक्रामक रुख को देखकर भाजपा सदस्य भी उनकी ओर बढ़े तो डोला बनर्जी समेत टीएमसी के कुछ दूसरे सदस्य भी सेन के बचाव में आ गए। इस दौरान सदन में तनाव, गर्मागर्मी और टकराव की स्थिति पैदा हो गई।

टीएमसी सदस्यों की पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी से भी झड़प हुई। हरिवंश ने तृणमूल सदस्यों के इस व्यवहार पर नाराजगी जाहिर करते हुए अश्विनी वैष्णव को अपना बयान सदन के पटल पर रखने की अनुमति दे दी और इसके बाद सदन को पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया।

सरकार के संसदीय रणनीतिकारों की बैठक में इस मामले को गंभीर मानते हुए संसदीय मर्यादा तोड़ने वाले विपक्षी सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई करने को लेकर मंत्रणा हुई। संकेत हैं कि सेन और बनर्जी के खिलाफ कार्रवाई के लिए कुछ सदस्यों की ओर से सदन में प्रस्ताव भी लाया जा सकता है।

उधर, लोकसभा की कार्यवाही भी लगातार तीसरे दिन जासूसी कांड और कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग को लेकर नहीं चल पाई। कांग्रेस, राकांपा, शिवसेना और अकाली दल से लेकर द्रमुक सरीखे अधिकांश विपक्षी दलों ने जंतर-मंतर पर चल रही किसान संसद का समर्थन करते हुए वेल में आकर भारी हंगामा किया।

विपक्षी सदस्यों ने सदन के भीतर संग्राम करने से पहले सुबह संसद परिसर में कृषि कानून विरोधियों के समर्थन में जबर्दस्त विरोध प्रदर्शन किया। कांग्रेस नेता राहुल गांधी की अगुआई में पार्टी के दोनों सदनों के सदस्य कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग वाले पोस्टर-बैनर लिए गांधी प्रतिमा के सामने इकट्ठे हुए और किसानों के समर्थन में मुखर आवाज उठाई।

वहीं जेपी नड्डा ने कहा कि संसद की मर्यादा के खिलाफ काम करने का टीएमसी का पुराना इतिहास रहा है। शोर मचाना, कागज फाड़ना उनकी संस्कृति है। सच्चाई यह है कि विपक्ष अपना राजनीतिक अस्तित्व बचाने के लिए लगातार संसद की कार्यप्रणाली में अवरोध डालकर देश की विकास यात्रा को रोकना चाहता है। यह लोकतंत्र का अपमान है।

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