गौर हो कि राज्य के सरकारी स्कूल, कोचिंग, कॉलेज समेत शिक्षण संस्थान 14 मार्च 2020 से ही बंद हैं। हालांकि 23 सितम्बर से 9वीं से 12वीं तक के स्कूल 33 फीसदी उपस्थिति के साथ मार्गदर्शन कक्षाओं के लिए खोले जा चुके हैं। सरकार के आपदा प्रबंधन समूह ने 18 दिसम्बर को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक में 4 जनवरी से प्रदेश के 9वीं से लेकर 12वीं तक के सभी स्कूलों को 50 फीसदी हाजिरी के साथ खोलने का निर्देश दिया है। इसको लेकर शिक्षा विभाग ने 24 दिसम्बर 2020 को विस्तृत गाइडलाइन जारी किया, जिसमें बच्चों के सुरक्षित विद्यालय आगमन और पठन-पाठन को लेकर कई निर्देश दिए गए थे। इन निर्देशों पर तैयारी को लेकर शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों के साथ 30 दिसम्बर को वीडियो कांफ्रेंसिंग से बैठक की।
इस बैठक में स्पष्ट किया गया कि सरकारी स्कूलों में 9वीं से 12वीं तक में अध्ययनरत 18, 03, 709 छात्र व 18, 58, 233 छात्राओं में से आधे ही एक दिन में विद्यालय आयेंगे। उन्होंने स्कूल की कक्षाओं को सेनेटाइज करने, बच्चों के विद्यालय में सुरक्षित प्रवेश व निकास, भीड़ जमा होने वाली गतिविधियों से परहेज, हाथ धोने व साबुन की व्यवस्था, हर बच्चे को दो-दो मास्क देने को लेकर निर्देश दिए। स्कूलों को नगर निगम के सहयोग से कक्षाएं सेनेटाइज करनी हैं। यदि दिक्कत हो तो विद्यालय कोष की राशि से यह व्यवस्था करनी है।
शिक्षा विभाग को जिलों से जो रिपोर्ट मिली है, उसके मुताबिक स्कूलों के संचालन को लेकर सभी तैयारियां पूरी कर ली गयी हैं। शिक्षा विभाग के प्रवक्ता व माध्यमिक शिक्षा उपनिदेशक अमित कुमार ने शनिवार को बताया कि सभी स्कूल 23 सितम्बर से ही फंक्शनल हैं, शिक्षक रोजाना आ रहे हैं। शौचालय, पेयजल समेत अन्य व्यवस्थाएं दुरुस्त हैं, इसलिए कोई कठिनाई नहीं है। बस बच्चों को एक जगह अधिक संख्या में जुटने वाली गतिविधियों पर रोक और हाथ धुलाई की आदत डलवाना स्कूल प्रशासन को सुनिश्चित करना होगा। कोचिंग, कॉलेज समेत अन्य शिक्षण संस्थानों को भी संचालन को लेकर गाइडलाइन का पालन कराना होगा। सरकार के गाइडलाइन के पालन का दायित्व जिलाधिकारियों को सौंपा गया है, जिला शिक्षा पदाधिकारी उनका इस कार्य में सहयोग करेंगे।
बिहार के करीब आठ हजार सरकारी माध्यमिक व उच्च माध्यमिक स्कूलों में सोमवार से एक दिन में अधिकतम 18 लाख 30 हजार 971 विद्यार्थी आ सकेंगे। इन स्कूलों में कुल 36 लाख 61 हजार 942 बच्चे नामांकित हैं। सरकार के गाइड लाइन के मुताबिक इनमें से हर कक्षा में आधे ही बच्चे एक दिन में स्कूल आ सकेंगे।
गौर हो कि राज्य के सरकारी स्कूल, कोचिंग, कॉलेज समेत शिक्षण संस्थान 14 मार्च 2020 से ही बंद हैं। हालांकि 23 सितम्बर से 9वीं से 12वीं तक के स्कूल 33 फीसदी उपस्थिति के साथ मार्गदर्शन कक्षाओं के लिए खोले जा चुके हैं। सरकार के आपदा प्रबंधन समूह ने 18 दिसम्बर को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक में 4 जनवरी से प्रदेश के 9वीं से लेकर 12वीं तक के सभी स्कूलों को 50 फीसदी हाजिरी के साथ खोलने का निर्देश दिया है। इसको लेकर शिक्षा विभाग ने 24 दिसम्बर 2020 को विस्तृत गाइडलाइन जारी किया, जिसमें बच्चों के सुरक्षित विद्यालय आगमन और पठन-पाठन को लेकर कई निर्देश दिए गए थे। इन निर्देशों पर तैयारी को लेकर शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों के साथ 30 दिसम्बर को वीडियो कांफ्रेंसिंग से बैठक की।
इस बैठक में स्पष्ट किया गया कि सरकारी स्कूलों में 9वीं से 12वीं तक में अध्ययनरत 18, 03, 709 छात्र व 18, 58, 233 छात्राओं में से आधे ही एक दिन में विद्यालय आयेंगे। उन्होंने स्कूल की कक्षाओं को सेनेटाइज करने, बच्चों के विद्यालय में सुरक्षित प्रवेश व निकास, भीड़ जमा होने वाली गतिविधियों से परहेज, हाथ धोने व साबुन की व्यवस्था, हर बच्चे को दो-दो मास्क देने को लेकर निर्देश दिए। स्कूलों को नगर निगम के सहयोग से कक्षाएं सेनेटाइज करनी हैं। यदि दिक्कत हो तो विद्यालय कोष की राशि से यह व्यवस्था करनी है।
शिक्षा विभाग को जिलों से जो रिपोर्ट मिली है, उसके मुताबिक स्कूलों के संचालन को लेकर सभी तैयारियां पूरी कर ली गयी हैं। शिक्षा विभाग के प्रवक्ता व माध्यमिक शिक्षा उपनिदेशक अमित कुमार ने शनिवार को बताया कि सभी स्कूल 23 सितम्बर से ही फंक्शनल हैं, शिक्षक रोजाना आ रहे हैं। शौचालय, पेयजल समेत अन्य व्यवस्थाएं दुरुस्त हैं, इसलिए कोई कठिनाई नहीं है। बस बच्चों को एक जगह अधिक संख्या में जुटने वाली गतिविधियों पर रोक और हाथ धुलाई की आदत डलवाना स्कूल प्रशासन को सुनिश्चित करना होगा। कोचिंग, कॉलेज समेत अन्य शिक्षण संस्थानों को भी संचालन को लेकर गाइडलाइन का पालन कराना होगा। सरकार के गाइडलाइन के पालन का दायित्व जिलाधिकारियों को सौंपा गया है, जिला शिक्षा पदाधिकारी उनका इस कार्य में सहयोग करेंगे।