नई दिल्ली (एजेंसी)। संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) जब संसद में पास हुआ अमल में आया तब इसको लेकर देश के कई हिस्सों में जोरदार विरोध हुआ था। सरकार ने सीएए-19 को 12 दिसंबर, 2019 को अधिसूचित किया था और 20 जनवरी, 2020 से यह अमल में आया लेकिन, नियम अभी तक तैयार नहीं हुए हैं। अब सवाल उठ रहे थे कि क्या पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव से पहले सरकार सीएए का नियम तैयार कर कानून को पूरी तरह से अमल में ला देगी। अब सरकार ने संसद में इस कानून के नियम तैयार करने अवधि को बढ़ा दिया है।

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने मंगलवार को लोकसभा को बताया कि संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के तहत नियमों को तैयार किया जा रहा है। मंत्री ने कहा कि सीएए-19 को 12 दिसंबर, 2019 को अधिसूचित किया गया था और 20 जनवरी, 2020 से यह अमल में आया।

उन्होंने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा, संशोधित नागरिकता कानून-2019 के तहत नियमों तैयार किया जा रहा है। लोकसभा एवं राज्यसभा की अधीनस्थ विधान संबंधी समितियों के लिए अवधि भी बढ़ाकर क्रमश: नौ अप्रैल और नौ जुलाई कर दी गई है ताकि सीएए के तहत नियमों को तैयार किया जा सके।

सीएए के तहत पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के अल्पसंख्यक समुदायों हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई समुदाय के प्रताड़ित लोगों को भारत की नागरिकता दिए जाने का प्रावधान है। इस कानून के तहत इन समुदायों के के उन लोगों को भारत की नागरिकता दी जाएगी इन तीन देशों में धार्मिक प्रताड़ना के कारण 31 दिसंबर, 2014 से पहले भारत आए। सीएए के खिलाफ देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन देखने को मिला था।

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