कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच देश में Remdesivir इंजेक्शन की भारी मांग है। इस समय कालाबाजार में यह 50 हजार रुपए से ज्यादा में बिक रहा है लेकिन इसकी कीमत 3000-5000 के बीच में है। इसकी एकमात्र वजह यह है कि इसकी डिमांड काफी ज्यादा है जबकि सप्लाई काफी कम है। इस बीच बायोकॉन की प्रमुख किरण मजूमदार शॉ ने कहा कि मई के तीसरे सप्ताह तक देश में इस इंजेक्शन की कमी नहीं रह जाएगी। उन्होंने कहा कि Itolizumab और Tocilizumab भी जून के पहले सप्ताह तक बाजार में प्रचुर मात्रा में उपलब्ध होगा।
बायोकॉन इन दवाओं को बनाने वाली भारत की प्रमुख कंपनियों में एक है। Remdesivir दवा का इस्तेमाल केवल डॉक्टर के निर्देश पर ही किया जाता है और किया भी जाना चाहिए। यह कोरोना से बुरी तरह प्रभावित मरीजों पर इस्तेमाल किया जाता है। Itolizumab और Tocilizumab का इस्तेमाल उन मरीजों पर मुख्य रूप से किया जाता है जिनमें cytokine storm के लक्षण दिखाए देते हैं जो कोरोना के कारण ही दिखाई देते हैं।
टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए किरण मजूमदार शॉ ने कहा कि इन तीन दवाओं की मांग काफी ज्यादा बढ़ गई है जबकि इन्वेंट्री काफी कम है। मुझे उम्मीद है कि मई के तीसरे सप्ताह तक देश में रेमडेसिविर का अच्छा खासा स्टॉक हो जाएगा। Itolizumab की डिमांड में भी काफी ज्यादा तेजी दर्ज की गई है। मांग को देखते हुए कंपनी ने प्रोडक्शन में तेजी लाई है इसके बावजूद यह अभी कम है। पूरी दुनिया में Itolizumab को बनाने वाली बायोकॉन इकलौती कंपनी है जिसके कारण डिमांड और सप्लाई में काफी अंतर है। मजूमदार शॉ ने कहा कि हमने प्रोडक्शन तीन गुना बढ़ाया है जबकि मांग 10 गुना बढ़ी है।