अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA के वैज्ञानिकों ने निष्कर्ष निकाला है एक परमाणु बम भी एक विशाल एस्टेरॉयड से पृथ्वी के एक विशाल हिस्से को तबाह होने से रोकने में सफल नहीं हो पाएगा। दरअसल, अमेरिका और यूरोप के वैज्ञानिकों को कहा गया कि उनके पास पृथ्वी को एक विशाल एस्टेरॉयड से बचाने के लिए छह महीने का समय है। इस दौरान उन्हें 3.5 करोड़ मील दूर स्थित एस्टेरॉयड से पृथ्वी को बचाने की योजना को तैयार करना है।

इसके बाद चार दिनों की समय अवधि में एक स्टडी की गई। ये स्टडी 26 अप्रैल से लेकर 29 अप्रैल के बीच हुई है। एस्ट्रोनॉमर्स ने रडार सिस्टम, डाटा इमैजिंग और अन्य टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया। वैज्ञानिक इस स्टडी के जरिए इस नतीजे पर पहुंचे की एक एस्टेरॉयड को तबाह करने के लिए एक स्पेसक्राफ्ट को तैयार के लिए छह महीने का समय पर्याप्त नहीं है। साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि एक परमाणु बम के जरिए भी स्पेस की इस चट्टान को नष्ट करना संभव नहीं है।

नतीजों ने साबित किया, प्रकृति के आगे बौना है इंसान

इस एक्सरसाइज को ‘Space Mission Options for the Hypothetical Asteroid Impact Scenario’ कहा गया। एक्सरसाइज में NASA के नौ वैज्ञानिक शामिल थे, जिन्होंने इस चार दिनों के भीतर इस बात की जानकारी जुटाई कि अगर इस तरह के हालात पृथ्वी पर पैदा हो जाते हैं, तो क्या छह महीने के भीतर इससे निपटा जा सकता है। हालांकि, सामने आए नतीजों ने इस बात को साबित कर दिया है कि इंसान अभी भी प्रकृति के आगे बौना ही है।

भविष्य के खतरों को पहचानने के लिए दुनिया को समन्वय बनाने की जरूरत

NASA के प्लेनेटरी डिफेंस ऑफिसर लिंडले जॉनसन ने कहा, हर बार जब हम इस तरह की एक्सरसाइज में हिस्सा लेते हैं, तो हमें इस बात की जानकारी मिलती है ऐसी अवस्था में मुख्य खिलाड़ी कौन होंगे। ऐसी परिस्थिति में किसे क्या जानना चाहिए। उन्होंने कहा, ये एक्सरसाइज प्लेनेटरी डिफेंस समुदाय को एक-दूसरे के साथ चर्चा करने का मौका देती है। साथ ही हमारी सरकारों को ये सुनिश्चित करने में मदद करती है कि हम सभी को समन्वय बनाने की जरूरत है, ताकि भविष्य में संभावित खतरे की पहचान की जा सके।

पृथ्वी को हर संभावित खतरे से बचाना है एक्सरसाइज का मकसद

अमेरिकी स्पेस एजेंसी ने पृथ्वी के साथ संभावित सात दुर्घटनाओं को लेकर होने वाली एक्सरसाइज में भाग लिया है। इसमें से चार प्लेनेटरी डिफेंस कॉन्फ्रेंस और तीन फेडरल इमरजेंसी मैनेजमेंट एजेंसी (FEMA) के साथ किया गया। ज्वाइंट NASA-FEMA एक्सरसाइज में रक्षा और विदेश मंत्रालय सहित कई अन्य संघीय एजेंसियों के प्रतिनिधि शामिल हुए थे। इन एक्सरसाइज का मकसद पृथ्वी को हर संभावित खतरे से बचाना है।

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