उत्तर प्रदेश में गंगा नदी के खतरे के निशान से ऊपर बहने के कारण कई इलाकों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है। बाढ़ से प्रयागराज और वाराणसी जिलों के लाखों लोग प्रभावित हैं। वाराणसी और प्रयागराज जिलों के कई इलाके पानी में डूब गए हैं। प्रयागराज और वाराणसी के अलावा पूर्वांचल के दस जिलों के सैकड़ों गांव गंगा नदी की बाढ़ की चपेट में आ गए हैं।

वाराणसी में गंगा नदी ने आठ साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। बुधवार को गंगा नदी ने 72 मीटर का आंकड़ा पार कर लिया था। इतनी भयानक बाढ़ की चपेट में आने से सैकड़ों बीघे फसल को नुकसान पहुंचा है। वहीं लोगों के घरों में पानी घुसने से लोग सुरक्षित स्थानों के लिए पलायन कर रहे हैं। इसके बाद राहत और बचाव की टीम लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा रही है।

केंद्रीय जल आयोग ने बताया कि वाराणसी में गंगा नदी में लगातार बढ़ाव का कारण यमुना और उसकी सहायक नदियों बेतवा, चंबल और केन में आया उफान है। आयोग ने बताया कि यमुना का जल प्रयागराज से होकर गंगा के रास्ते काशी पहुंच रहा है। प्रयागराज और वाराणसी के अलावा पूर्वांचल के अन्य जिलों मिर्जापुर, चंदौली, भदोही, गाजीपुर और बलिया में गंगा का जलस्तर उच्चत्तम बिन्दु के करीब पहुंच गया है।

वाराणसी में हालत यह है कि अब पानी शहरों की ओर बढ़ता जा रहा है। इससे आवागमन तो बाधित हुआ ही है, बल्कि कई जगहों पर कालोनियों में पानी भरने के कारण लोग अपने घरों को छोड़कर दूसरे जगहों पर रहने को मजबूर हैं। 

वाराणसी में गंगा नदी में बढ़ाव मध्य प्रदेश और राजस्थान में नदियों का जलस्तर बढ़ने की वजह से भी है। अस्सी घाट के पास चौराहे तक पानी आ गया है, जिसके कारण सड़क किनारे की कालोनियां पूरी तरह जलमग्न हो गई हैं। गंगा के साथ ही वरुणा नदी का भी जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। वाराणसी के घाट पूरी तरह से डूब चुके हैं और अब पानी सड़कों पर बहने लगा है।

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