अदालत के आदेश के बाद भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की अगुवाई में बैंकों का समूह बंद पड़ी एयरलाइन किंगफिशर से जुड़े फंसे कर्ज की वसूली के लिए भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या की रियल एस्टेट संपत्ति और प्रतिभूतियों को बेच सकता है। एसबीआई की अगुवाई में 11 बैंकों के समूह ने माल्या को कर्ज दिया था। समूह ने मनी लांड्रिंग निरोधक कानून (पीएमएलए) से जुड़े मामलों को देखने वाली विशेष अदालत से संपर्क कर प्रवर्तन निदेशालय द्वारा जब्त संपत्ति उसे लौटाने का आग्रह किया था।

मुंबई में विशेष पीएमएलए अदालत ने मंगलवार को बैंकों को 5,646.54 करोड़ रुपए की संपत्ति वापस किए जाने की अनुमति दी। एसबीआई के एक अधिकारी के अनुसार आदेश में उल्लेखित संपत्तियों का संकेतस्वरूप कब्जा उचित कानूनी प्रक्रिया का पालन करने के बाद कर्जदाताओं द्वारा लिया जाएगा।

उसने कहा कि बैंकों में वसूली प्रक्रिया वित्तीय परिसंपत्तियों के प्रतिभूतिकरण और पुनर्निर्माण और प्रतिभूति हित प्रवर्तन अधिनियम (सरफेसी), 2002 द्वारा निर्देशित होती है। उन संपत्तियों की नीलामी या बिक्री दिशानिर्देशों के अनुसार उपयुक्त समय पर की जाएगी।

किंगफिशर एयरलाइन को दिए गए 6,900 करोड़ रुपए के मूल कर्ज में सर्वाधिक 1,600 करोड़ रुपये स्टेट बैंक ने दिए हैं। इसके अलावा, जिन अन्य बैंकों ने एयरलाइन को कर्ज दे रखा है, उनमें पंजाब नेशनल बैंक (800 करोड़ रुपए), आईडीबीआई बैंक (800 करोड़ रुपए), बैंक ऑफ इंडिया (650 करोड़ रुपए), बैंक ऑफ बड़ौदा (550 करोड़ रुपए), सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया (410 करोड़ रुपए) शामिल हैं।

माल्या पर कथित तौर पर लगभग 9,000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है। इस मामले में उसकी बंद हो चुकी किंगफिशर एयरलाइंस शामिल है। किंगफिशर एयरलाइंस के पूर्व मालिक और 65 वर्षीय कारोबारी विजय माल्या अप्रैल 2019 में अपनी गिरफ्तारी के बाद से प्रत्यर्पण वारंट पर ब्रिटेन में जमानत पर हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here