लखनऊ । किसान कल्याण और किसानों की आमदनी दोगुनी करने के लिए अज यानी छह जनवरी से किसान कल्याण मिशन के रूप में चलाया जाएगा। अभियान में कृषि आधारित गतिविधियां जैसे पशुपालन, बागवानी, गन्ना आदि कृषि आधारित उद्योग शामिल किए गए हैं। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत आधार, नाम से संबंधित त्रुटियों तथा ओपेन सोर्स से प्राप्त प्रार्थना-पत्र के सत्यापन के लिए अलग से शिविर लगाया जाएगा। यह सब उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी ने बताया है।
मुख्य सचिव ने बताया कि अभियान के आयोजन से संबंधित विस्तृत दिशा-निर्देश विभागों को दिए जा चुके हैं। किसान कल्याण मिशन के तहत गोष्ठी, प्रदर्शनी, मेला प्रत्येक विकास खंड में आयोजित किए जाएंगे। अभियान छह जनवरी से आरम्भ होकर अगले तीन सप्ताह तक चलेगा। यह आयोजन तहसील दिवस या किसी राजकीय अवकाश के दिन नहीं होंगे।
केंद्र सरकार के आत्मनिर्भर पैकेज में किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) के संयोजन तथा इसके माध्यम से सामान्य सुविधा केंद्रों के विकास के साथ ही कृषि आधारित लघु एवं मध्यम उद्योगों के संबंध में कार्ययोजना बनाई जाएगी। प्रत्येक विकास खंड में एफपीओ का गठन कर विस्तृत कार्ययोजना बनाई जाएगी। एफपीओ के माध्यम से किसानों के कल्याण के लिए कई गतिविधियां शुरू की जाएंगी। कृषि विभाग द्वारा किसान कल्याण माइक्रो साइट का निर्माण कराया जाएगा।
किसान कल्याण अभियान के तहत कितने किसानों से संपर्क स्थापित किया गया यह सूचना जिला स्तर पर एकत्र की जाएगी। किसानों के फोन तथा व्हाट्सअप नंबर भी सूचीबद्ध किए जाएंगे। अभियान के मुख्य रूप से तीन भाग होंगे। पहला कृषि व सहवर्गी सेक्टर की वृहद् प्रदर्शनी, दूसरा किसान गोष्ठी तथा तीसरा विभिन्न विभागों द्वारा कृषि कल्याण की संचालित योजनाओं के लाभार्थियों को मौके पर ही योजना से लाभान्वित किया जाना। किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड की स्वीकृति पत्र का वितरण भी कराया जाएगा।
लाभार्थीपरक योजनाओं यथा-किसान क्रेडिट कार्ड, बैकयार्ड सुअर पालन, अंडा उत्पादन, बायलर पालन एवं पशुधन बीमा योजना आदि के स्वीकृति पत्र अथवा सहायता का वितरण इन मेलों के दौरान कराया जाएगा। अभियान में मंडलायुक्त और जिलाधिकारी भी शामिल होंगे। सांसद, विधायक और अन्य जन प्रतिनिधियों को भी बुलाया जाएगा।