विशेष संवाददाता

“राष्ट्रवाद का उदय वर्तमान युग को परिभाषित करने वाली विशेषताओं में से एक है और राष्ट्रों को इसे लेकर ‘रक्षात्मक’ होने की जरूरत नहीं है”। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार को ”न्यू इंडिया: टर्निंग टु रूट्स, राइजिंग टु हाइट्स” विषय पर छठे इंडिया आइडियाज़ कॉन्क्लेव को संबोधित करते हुए यह विचार व्यक्त किये।

विदेश मंत्री ने कहा, ”राष्ट्रवाद का उदय हमारे वर्तमान युग को परिभाषित करने वाली विशेषताओं में से एक है। इसने खुद को विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों में कई विविध रूपों में प्रकट किया है, जिनमें कई दृश्य लोकतांत्रिक मान्यताओं वाले हैं।” उन्होंने कहा, ”अमेरिका में वर्तमान राजनीति, चीन का उदय, ब्रेक्जिट इसके स्पष्ट उदाहरण हैं।”

उन्होंने कहा कि भारत का वैश्विक दृष्टिकोण पहले से कम नहीं, बल्कि अब और अधिक व्यापक हो गया है। जलवायु परिवर्तन, कट्टरता, आतंकवाद से निबटने और महामारी जैसे मुद्दों पर देश का योगदान एक खास असर पैदा कर रहा है।

वैश्विक अर्थव्यवस्था के संतुलन में परिवर्तन

एक अन्य कार्यक्रम में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि पिछले कुछ दशकों में वैश्विक अर्थव्यवस्था के संतुलन में परिवर्तन हुआ है और इसी वजह से उपभोक्ताओं के नए केंद्र विकसित हुए हैं। जयशंकर पुणे अंतरराष्ट्रीय केंद्र के एशिया आर्थिक संवाद कार्यक्रम में “एशिया और उभरती हुई अंतरराष्ट्रीय व्यापारिक व्यवस्था” विषय पर वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। 

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